पंजाब सरकार ने बच्चों के लिए प्लेवे स्कूलों की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से नई नीति लागू करने का ऐलान किया है। इस नीति के तहत स्कूलों की निगरानी, बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण और उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई दिशानिर्देश तय किए गए हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब से 3 से 6 साल के बच्चों के लिए चल रहे सभी प्लेवे स्कूलों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। यह नीति राज्य सरकार द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
नई नीति के प्रमुख बिंदु
- स्कूलों का रजिस्ट्रेशन: राज्य में चल रहे सभी प्राइवेट और सरकारी प्लेवे स्कूलों को पंजीकरण कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार के पास बच्चों से जुड़ी पूरी जानकारी होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि केवल मान्यता प्राप्त स्कूल ही बच्चों को शिक्षा प्रदान करें।
- अधियाापक और देखभालकर्ता: हर शिक्षक को 20 से अधिक बच्चों को नहीं पढ़ाने दिया जाएगा। इसके अलावा, हर प्लेवे स्कूल में एक देखभालकर्ता होगा, ताकि बच्चों की देखभाल सही तरीके से हो सके और उनकी सेहत से समझौता न हो।
- सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर: स्कूल की दीवारें और इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से सुरक्षित होना चाहिए। बच्चों के खेलने के लिए उचित स्थान और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा।
- कक्षा और विश्राम कक्ष: स्कूलों में कक्षाएं खुली और हवादार होंगी। इसके अलावा, बच्चों को आराम करने के लिए विश्राम कक्ष की भी व्यवस्था होगी, ताकि वे थकान महसूस होने पर वहां आराम कर सकें।
- अलग-थलग शौचालय: लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था होगी, जो बच्चों की जरूरत के मुताबिक बनाए जाएंगे। साथ ही, साबुन और तौलिए का भी उचित प्रबंध होगा।
- सीसीटीवी कैमरे: सभी प्लेवे स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और किसी भी प्रकार की अनहोनी पर तुरंत ध्यान दिया जा सके।
- बच्चों की मानसिक और शारीरिक देखभाल: स्कूलों में बच्चों को खेलों और गतिविधियों के माध्यम से सिखाया जाएगा। बच्चों पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा और उन्हें किसी भी तरह की सजा नहीं दी जाएगी। बच्चों को धमकाने या शारीरिक दंड देने की अनुमति नहीं होगी।
- स्वास्थ्य जांच: हर महीने बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी और उसका रिकॉर्ड रखा जाएगा। साथ ही, बच्चों के टीकाकरण का रिकॉर्ड भी स्कूल में रखा जाएगा।
- सुरक्षा उपाय: स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए आग से संबंधित सुरक्षा उपाय, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य सुरक्षा पहलुओं की जांच की जाएगी।
- फीस संरचना: स्कूलों में फीस लेने की प्रक्रिया के बारे में दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे ताकि फीस के संबंध में पारदर्शिता बनी रहे।
- जंक फूड पर प्रतिबंध: स्कूलों में बच्चों को जंक फूड लाने या बेचने की पूरी तरह से मनाही होगी। यह नीति बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है।
- सामाजिक सहभागिता: माता-पिता और शिक्षकों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए एक ‘पेरेंट-टीचर असोसिएशन’ बनाई जाएगी, जिसमें बच्चों की प्रगति और उनकी देखभाल के बारे में नियमित रूप से बातचीत की जाएगी।
अगले कदम
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि आने वाले एक महीने के भीतर सभी प्लेवे स्कूलों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूलों के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। सिर्फ वही स्कूल काम कर सकेंगे जो इन नियमों का पालन करेंगे। इसके अलावा, स्कूलों के माता-पिता के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे, जिनके जरिए स्कूलों की गतिविधियों और बच्चों की प्रगति की जानकारी साझा की जाएगी।
इसके साथ ही, प्लेवे स्कूलों की समय-समय पर चेकिंग की जाएगी और हर साल उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूलों द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
निष्कर्ष
पंजाब सरकार की यह नई नीति प्लेवे स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित होगा। यह नीति न केवल बच्चों के माता-पिता को राहत देगी, बल्कि स्कूलों के संचालन में भी पारदर्शिता और अनुशासन लाएगी।