पंजाब सरकार ने प्रदेश में पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे और सिंथेटिक डोर के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम खासतौर पर बसंत पंचमी के अवसर पर पतंगबाजी के दौरान होने वाले खतरनाक हादसों को रोकने के लिए उठाया गया है। चीनी मांझा, जो कि प्लास्टिक और धातु से बना होता है, लोगों और जानवरों के लिए घातक साबित हो रहा है। सरकार ने इन दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पुलिस प्रशासन को भी सक्रिय कर दिया है।
चीनी मांझे पर सख्त कार्रवाई
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चीनी मांझा बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की है। इसके साथ ही चीनी मांझा बेचने वालों की जानकारी देने वाले लोगों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। बोर्ड के चेयरमैन, डॉ. आदर्शपाल विग ने घोषणा की है कि चीनी मांझा बेचने या खरीदने वालों की जानकारी देने वाले को 25 हजार रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। साथ ही, जानकारी देने वाले की पहचान को पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा।
सख्त जुर्माने और सज़ा की व्यवस्था
डॉ. विग ने कहा कि चीनी मांझे का उपयोग करने से कई गंभीर हादसे होते हैं, जिनमें लोगों की जान तक चली जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति चीनी मांझा बेचते या उसका उपयोग करते पकड़ा जाएगा, उसे 10 हजार रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
हादसों की पृष्ठभूमि
पंजाब में पतंगबाजी के दौरान चीनी और सिंथेटिक डोर का उपयोग खतरनाक साबित हो चुका है। इस मांझे से कई बार राहगीरों और बाइक सवारों की गर्दन कटने जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा, यह पर्यावरण के लिए भी बेहद हानिकारक है क्योंकि इसका निर्माण प्लास्टिक और धातु से किया जाता है, जो जमीन और पानी को प्रदूषित करता है। इन सब कारणों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया है।
जन जागरूकता और प्रशासन की भूमिका
पंजाब सरकार ने जन जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना बनाई है, ताकि लोग चीनी मांझे के खतरों और इसके प्रतिबंध के बारे में समझ सकें। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं कि बाजार में कोई भी चीनी मांझा न बिके और न ही खरीदा जाए। इसके अलावा, सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें चीनी मांझे की बिक्री या उपयोग के बारे में कोई जानकारी मिले तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
चीनी मांझा न केवल लोगों की जान के लिए खतरा है, बल्कि यह पर्यावरण और पशु-पक्षियों के लिए भी घातक है। पंजाब सरकार का यह कदम सराहनीय है और इससे उम्मीद है कि आने वाले समय में पतंगबाजी के दौरान होने वाले हादसों में कमी आएगी। प्रशासन और जनता के बीच समन्वय से इस समस्या का समाधान संभव है।