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पंजाब सरकार ने राज्य में वित्तीय पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज तीन महत्वपूर्ण आई.टी. आधारित वित्तीय मॉड्यूलों का उद्घाटन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के पेंशनरों के कल्याण को सुनिश्चित करना और वित्तीय प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।
वित्त मंत्री ने पेंशनर सेवा पोर्टल (पीएसपी) का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य पेंशनरों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। इस डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से पेंशन से संबंधित सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया जाएगा। वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि यह पोर्टल पेंशन के भुगतान को सुविधाजनक बनाएगा, कोषागार से बैंकों तक पेंशन की प्रक्रिया को सरल करेगा, और पेंशन अदायगी में होने वाली देरी को कम करेगा। इसके अलावा, यह पोर्टल रीयल-टाइम केस ट्रैकिंग और शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया को भी सुनिश्चित करेगा। इससे पेंशनरों को समय पर और सही तरीके से उनकी पेंशन मिल सकेगी।
इसके बाद, गैर-कोषागार एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (एन.टी.-आई.एफ.एम.एस) का उद्घाटन किया गया, जो कि वन और वर्क्स विभागों द्वारा प्रबंधित खर्चों की लेखा प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एक अग्रणी प्रणाली है। इस सिस्टम के तहत, सभी खर्चों और प्राप्तियों को पारदर्शिता के साथ ट्रैक किया जाएगा, जिससे बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह मॉड्यूल एन.टी.-एम.आई.एस, एन.टी.-अकाउंटिंग, एन.टी.-बिलिंग, और एन.टी.-रसीद जैसे उप-मॉड्यूलों के माध्यम से रिपोर्टिंग को और भी सटीक बनाएगा और मासिक खातों को ए.जी. कार्यालय में पेश करने में मदद करेगा।
इसके साथ ही, एस.एन.ए- स्पर्श नामक एक नई फंड प्रवाह विधि का उद्घाटन किया गया। इस विधि के तहत, एफ.एम.एस, स्टेट आई.एफ.एम.एस और आर.बी.आई के ई-क्यूबेर सिस्टम के एकीकृत ढांचे के जरिए लाभार्थियों को रीयल-टाइम फंड ट्रांसफर किया जाएगा। इससे राज्य के धन की पार्किंग रोकी जाएगी, ऋणों पर फ्लोट की लागत कम होगी, और नकद प्रबंधन में सुधार होगा। इस प्रणाली के लागू होने से पंजाब को 400 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त हुई है, जो भारत सरकार से मिल रही है।
वित्त मंत्री ने कोषागार और लेखा विभाग, एन.आई.सी और पी.एम.एफ.एस टीम के अधिकारियों को इन महत्वपूर्ण मील के पत्थरों को प्राप्त करने के लिए सराहा। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के जरिए राज्य में वित्तीय प्रबंधन को और भी बेहतर बनाया जाएगा, जो पंजाब के विकास में अहम योगदान देगा।
इस समारोह में प्रमुख सचिव वित्त अजोय कुमार सिन्हा, सचिव व्यय विजय नामदेव राव जादे, निदेशक ट्रेज़री एवं अकाउंट्स मुहम्मद तैयब, उप महालेखाकार रवि नंदन गर्ग, उप महालेखाकार मनीषा तूर, अतिरिक्त निदेशक टी एंड ए सिमरजीत कौर और क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई विवेक श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
पंजाब सरकार के इन नए कदमों से राज्य के वित्तीय प्रबंधन में सुधार होगा और पेंशनरों के लिए बेहतर सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी।