
पंजाब सरकार ने प्रदेश के बेसहारा और अनाथ बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब बच्चों को कानूनी और सुरक्षित तरीके से गोद लेने की प्रक्रिया को प्रभावी और सरल बनाया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि गोद लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और कानूनी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
यह बात उन्होंने मोहाली स्थित महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में आयोजित राज्य स्तरीय ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान कही। यह कार्यक्रम ‘अडॉप्शन रेगुलेशन-2022’ को लेकर आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में उन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया, जो बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया से जुड़े होते हैं।
अडॉप्शन में अब नहीं आएगी कानूनी अड़चन
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि गोद लेने की प्रक्रिया में अकसर कानूनी पेचीदगियां आ जाती हैं, जिससे बच्चे और गोद लेने वाले परिवार दोनों प्रभावित होते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि सभी संबंधित अधिकारी इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी रखें ताकि भविष्य में कोई कानूनी समस्या खड़ी न हो।
उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सामाजिक सुरक्षा विभाग पंजाब, केंद्रीय अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) और राष्ट्रीय जन सहयोग और बाल विकास संस्थान (NIPCCD) के सहयोग से करवाया गया है। इसका मकसद गोद लेने से जुड़े सभी जिम्मेदार लोगों को अपडेट जानकारी और प्रक्रिया के नए नियम सिखाना है।
बच्चों को त्यागना नहीं, गोद लेना सीखें
मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने समाज में हो रही एक कड़वी सच्चाई पर भी रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि आज भी कई बार नवजात बच्चों को त्यागने या उनकी जान लेने जैसी दुखद घटनाएं सामने आती हैं। यह समाज के लिए शर्म की बात है। उन्होंने अपील की कि जो परिवार आर्थिक रूप से सक्षम हैं और इंसानियत में विश्वास रखते हैं, उन्हें आगे आकर ऐसे बच्चों को कानूनी रूप से गोद लेना चाहिए।
अडॉप्शन रेगुलेशन 2022 से नया जीवन
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि ‘अडॉप्शन रेगुलेशन-2022’ को पंजाब में लागू किया गया है ताकि बिना माता-पिता के बच्चों को एक नया जीवन मिल सके। इस कानून के तहत बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी, पारदर्शी और बच्चों के हित में होगी। इसके जरिए अनाथ बच्चों को न सिर्फ एक नया घर मिलेगा, बल्कि उन्हें प्यार, सुरक्षा और बेहतर भविष्य की गारंटी भी मिलेगी।
बच्चों के अधिकारों की रक्षा
इस कार्यक्रम में पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे ट्रेनिंग प्रोग्राम अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशील और जागरूक बनाते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हर बच्चा जिसे गोद लिया जाए, वह एक सुरक्षित और खुशहाल माहौल में पले-बढ़े।
यह पहल ना केवल बच्चों के भविष्य को संवारने वाली है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक सोच और जिम्मेदारी का भाव भी पैदा करेगी।