पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने जल बस परियोजना को लेकर मीडिया में आई खबरों का खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल जल बस चलाने की कोई योजना नहीं है। मीडिया में यह खबरें आई थीं कि पंजाब सरकार हरिके में खड़ी जल बस को फिर से रणजीत सागर झील में चलाने की योजना बना रही है, लेकिन मंत्री सौंद ने इसे बेबुनियाद और गलत बताया।
सौंद ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा इस परियोजना पर 8.63 करोड़ रुपये खर्च करना एक गलत निर्णय था, जिसे उन्होंने गंभीर आलोचना की। उनका मानना था कि इस परियोजना ने पंजाब के लोगों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाला। मंत्री सौंद ने जल बस को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताते हुए कहा कि वर्तमान सरकार इसकी जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बस अब पूरी तरह से अयोग्य हो चुकी है और इसके संचालन से बड़े हादसों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सरकार की प्रतिबद्धता और भविष्य की योजनाएं
मंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार द्वारा इस तरह के किसी भी निर्णय को न लेने का आश्वासन दिया जिससे जनता की जान और माल को खतरा हो। उन्होंने जनता से अपील की कि वे मीडिया में चल रही किसी भी खबर पर विश्वास न करें और हमेशा सरकार की नीतियों और योजनाओं पर ध्यान दें। सौंद ने कहा कि पंजाब सरकार जनता के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
जल बस की विफलता और भविष्य का मार्ग
मंत्री ने यह भी कहा कि जल बस पहले से घाटे का सौदा साबित हो चुकी है, क्योंकि इस परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन आमदनी बहुत कम रही। सौंद ने पुनः स्पष्ट किया कि यह जल बस पूरी तरह अनुपयोगी हो चुकी है और भविष्य में इसे चलाने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने इसे ‘सुपर फेल’ परियोजना बताया, जो पिछली सरकारों के गलत निर्णयों का परिणाम थी, और कहा कि यह धन जनकल्याण योजनाओं में इस्तेमाल किया जा सकता था।
इस बयान से साफ है कि पंजाब सरकार इस परियोजना के बारे में कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती और इसके जरिए जनता की सुरक्षा और संसाधनों का सही उपयोग करने की दिशा में काम कर रही है।