
पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्गों के लोगों को राहत देते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अशीर्वाद स्कीम के अंतर्गत 3207 लाभार्थियों को ₹16.36 करोड़ की राशि जारी की है। इस स्कीम का मकसद गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद देना है।
गुरदासपुर जिला योजना समिति के चेयरमैन जगरूप सिंह सेखवां ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल पंजाब के कई जिलों से 3207 आवेदन अशीर्वाद पोर्टल पर प्राप्त हुए थे। सभी पात्र लाभार्थियों को सरकार ने ₹51,000 प्रति परिवार की सहायता राशि दी है।
किन जिलों को मिला लाभ?
इस योजना के तहत जिन जिलों के लोगों को लाभ मिला उनमें शामिल हैं:
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गुरदासपुर: 135 लाभार्थी
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बर्नाला: 94
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बठिंडा: 219
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फरीदकोट: 80
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फतेहगढ़ साहिब: 41
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फाजिल्का: 137
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होशियारपुर: 602
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जालंधर: 123
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कपूरथला: 27
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मानसा: 254
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मोगा: 64
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श्री मुक्तसर साहिब: 43
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पटियाला: 616
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पठानकोट: 127
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एसएएस नगर (मोहाली): 200
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संगरूर: 288
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मलेरकोटला: 16
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तरनतारन: 141
क्या है अशीर्वाद स्कीम?
अशीर्वाद स्कीम के तहत सरकार उन गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद करती है जिनकी सालाना आमदनी ₹32,790 से कम है। यह सहायता अनुसूचित जाति (SC), पिछड़ा वर्ग (OBC), और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के परिवारों को दी जाती है। इस योजना के तहत एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों को ही यह लाभ मिल सकता है।
पात्रता शर्तें क्या हैं?
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आवेदक पंजाब राज्य का स्थायी निवासी हो।
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परिवार गरीबी रेखा के नीचे (BPL) हो।
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परिवार SC, OBC या EWS श्रेणी में आता हो।
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सालाना कुल आय ₹32,790 से कम हो।
सीधी बैंक ट्रांसफर से भुगतान
जगरूप सिंह सेखवां ने बताया कि यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है जिससे पारदर्शिता बनी रहे। यह राशि RTGS या ऑनलाइन ट्रांसफर के ज़रिए भेजी जाती है।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य समाज के हर तबके को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और बेटियों की शादी में उनके माता-पिता की मदद करना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार सामाजिक कल्याण की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है। इस स्कीम से न केवल गरीब परिवारों को राहत मिल रही है, बल्कि बेटियों की शादी को लेकर उनकी चिंताओं में भी कमी आई है।
अशीर्वाद स्कीम गरीब परिवारों की बेटियों के लिए एक मजबूत सहारा बन रही है। इससे न केवल बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी थोड़ी हल्की होती है, बल्कि सामाजिक सम्मान भी बढ़ता है। पंजाब सरकार का यह कदम सराहनीय है और आने वाले समय में और ज्यादा जरूरतमंदों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।