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पंजाब सरकार ने सूबे में माइनिंग माफिया पर लगाम लगाने और रेत-बजरी से राजस्व बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक विस्तृत खाका तैयार किया है, जिसका लक्ष्य माइनिंग से होने वाली आय में 180 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करना है। सूत्रों के अनुसार, पंजाब विकास आयोग ने नवंबर 2024 में माइनिंग से संबंधित एक खाका रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, जो देश के अन्य राज्यों की माइनिंग नीतियों का अध्ययन करने के बाद तैयार की गई है।
पुरानी नीतियों की समीक्षा और कमियों की पहचान
रिपोर्ट में बताया गया है कि आयोग ने 2017 से लेकर अब तक की पांच माइनिंग नीतियों का गहन अध्ययन किया और मौजूदा माइनिंग व्यवस्था में मौजूद खामियों पर सवाल उठाए। रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि मौजूदा व्यवस्था को दुरुस्त करने और नई माइनिंग नीति को लागू करने से राज्य की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ किया जा सकता है।
नई नीति के मुख्य बिंदु
नई माइनिंग नीति को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार मंत्रिमंडल में पेश करेगी। इस नीति के तहत पहली बार रेत और बजरी के लिए अलग-अलग नियम लागू किए जाएंगे।
- क्रशर मालिकों के लिए माइनिंग लीज़: क्रशर मालिकों के लिए माइनिंग लीज़ की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनाई जाएगी।
- रॉयल्टी दरों में बदलाव: रॉयल्टी की मौजूदा दर 0.73 प्रतिशत से बढ़ाकर 3-4 रुपये प्रति क्यूबिक फीट की जाएगी।
- बोलियों में पारदर्शिता: ठोस बोली प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।
- तकनीकी समाधान: माइनिंग साइट्स पर IT तकनीक का उपयोग किया जाएगा। रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन रीडर (RFID) और जीपीएस तकनीक के जरिए वाहनों की निगरानी की जाएगी।
माइनिंग साइट्स का आंकलन
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में कुल 518 माइनिंग साइट्स हैं, जिनमें 475 साइट्स रेत और 43 साइट्स बजरी के लिए हैं। इन साइट्स पर लगभग 800 करोड़ क्यूबिक फीट खनिज उपलब्ध है। राज्य सरकार का अनुमान है कि माइनिंग से सालाना 800 करोड़ रुपये की आय प्राप्त की जा सकती है।
गैर-कानूनी खनन पर रोकथाम
रिपोर्ट में गैर-कानूनी खनन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की सिफारिश की गई है। माइनिंग साइट्स पर नाके स्थापित करने और वाहनों की सटीक निगरानी के लिए सैटेलाइट और ड्रोन आधारित सर्वेक्षण का सुझाव दिया गया है।
हरियाणा की तर्ज पर सुधार
पंजाब विकास आयोग ने सुझाव दिया है कि हरियाणा की तर्ज पर खनन के लिए जमीन मालिकों से सहमति लेने में सुधार किया जाए। पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त करने की जिम्मेदारी को भी अधिक कारगर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
राजस्व में बड़ा लक्ष्य
रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में माइनिंग से राज्य को 288.52 करोड़ रुपये की आय हुई थी। नई नीति लागू होने के बाद यह आय 800 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
सरकार का दृष्टिकोण और वादा
सरकार का मानना है कि नई नीति से जहां लोगों को सस्ती दरों पर रेत उपलब्ध होगी, वहीं राज्य के खजाने में राजस्व में वृद्धि होगी। साथ ही, गैर-कानूनी खनन पर पूरी तरह से रोक लगाकर आम आदमी पार्टी सरकार अपना चुनावी वादा भी पूरा करना चाहती है।
यह नई नीति पंजाब की वित्तीय सेहत को मजबूत करने और माइनिंग माफिया के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।