पंजाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनुसूचित जाति (एससी) छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत ₹55.45 करोड़ की राशि जारी की है। इस योजना के तहत 86,583 छात्रों को लाभ मिलेगा, जो राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत बजट से इस योजना का हिस्सा होंगे।
सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब सरकार के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा देना प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद करना है। उनके अनुसार, यह कदम छात्रों को उनके शिक्षा के रास्ते में आने वाली वित्तीय परेशानियों को दूर करने में सहायक होगा।
डॉ. बलजीत कौर ने यह भी कहा कि इस योजना के तहत अधिक से अधिक छात्रों को लाभ देने के लिए बाकी पात्र छात्रों को जल्दी ही उनकी स्कॉलरशिप राशि जारी की जाएगी। उन्होंने पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति के छात्रों की भलाई के लिए निरंतर कार्य किए जाने का जिक्र किया।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस वित्तीय सहायता के जारी होने से अनुसूचित जाति के छात्रों के जीवन स्तर में सुधार होगा। डॉ. बलजीत कौर ने यह बताया कि इस योजना के तहत स्कॉलरशिप की राशि सीधे छात्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होती है।
राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए न केवल उनकी शिक्षा की राह को आसान बनाएगा, बल्कि उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार की यह योजना सभी ऐसे छात्रों तक पहुंचेगी जो आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई में बाधा महसूस कर रहे थे, और यह कदम उनके भविष्य को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
डॉ. बलजीत कौर ने राज्य सरकार की इस योजना को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए कहा कि शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार मानते हुए पंजाब सरकार समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे, जो उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
यह योजना न केवल बच्चों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक उम्मीद की किरण है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस स्कॉलरशिप योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में कई छात्रों ने अपनी पढ़ाई पूरी की है और आज वे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके हैं। राज्य सरकार की यह पहल निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगी और समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ने के अधिक अवसर प्रदान करेगी।