
पंजाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान आशीर्वाद योजना के तहत अनुसूचित जाति (SC) के 3,853 लाभार्थियों के लिए 19.65 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। यह घोषणा पंजाब की सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने की।
इस बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि आशीर्वाद योजना के तहत बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, श्री फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, पठानकोट, एस.ए.एस. नगर, संगरूर, मलेरकोटला और तरनतारन जिलों के लाभार्थियों को इस राशि का लाभ मिलेगा। इस वित्तीय वर्ष के दौरान इन जिलों से कुल 3,853 आवेदन आशीर्वाद पोर्टल पर प्राप्त हुए थे, जिन्हें कवर करने के लिए सरकार ने यह राशि जारी की है।
16 जिलों में वितरित की गई राशि
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि बरनाला के 121, बठिंडा के 75, फरीदकोट के 89, फिरोजपुर के 105, श्री फतेहगढ़ साहिब के 108, गुरदासपुर के 554, होशियारपुर के 325, जालंधर के 220, मानसा के 142, श्री मुक्तसर साहिब के 235, पटियाला के 198, पठानकोट के 230, एस.ए.एस. नगर के 147, संगरूर के 131, मलेरकोटला के 23 और तरनतारन के 1,150 लाभार्थियों को इस राशि का सीधा लाभ मिलेगा।
क्या है आशीर्वाद योजना?
मंत्री ने बताया कि आशीर्वाद योजना के तहत राज्य सरकार गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए 51,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना उन परिवारों के लिए है, जिनकी वार्षिक आय 32,790 रुपये से कम है।
इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के वे परिवार ले सकते हैं, जिनके पास पंजाब का स्थायी निवास प्रमाणपत्र हो और वे गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आते हों। इसके तहत एक परिवार की दो बेटियों को सहायता दी जाती है।
सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर होती है राशि
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि यह सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और लाभार्थियों को सही समय पर सहायता मिले। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार हर वर्ग के लोगों का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए तेजी से काम कर रही है।
पंजाब सरकार गरीबों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार सभी वर्गों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार विशेष रूप से अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास कर रही है ताकि उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सके।