
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार साफ-सुथरा और ईमानदार प्रशासन देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी दिशा में कार्रवाई करते हुए पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने अचानक खरड़ के बिजली दफ्तर का दौरा किया और वहां कर्मचारियों की कार्यप्रणाली की जांच की।
यह कार्रवाई उस समय हुई जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोहाली जिले के कुछ इलाकों में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आईं। पत्रकारों ने जब इन मामलों की जानकारी दी तो बिजली मंत्री ने तुरंत संज्ञान लिया और बिना किसी पूर्व सूचना के खरड़ बिजली कार्यालय पहुंच गए।
दफ्तर में पाई गई गड़बड़ियां
दौरे के दौरान मंत्री ने न केवल उपभोक्ताओं से बातचीत की, बल्कि कार्यालय के रिकॉर्ड और कर्मचारियों के कामकाज की गहराई से जांच भी की। इस दौरान कुछ अनियमितताएं और गड़बड़ियां सामने आईं। इसके बाद उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए:
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जे.ई. (जूनियर इंजीनियर) जितेंद्र सिंह का तबादला किया और उन्हें चार्जशीट करने के आदेश दिए।
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साथ ही एस.डी.ओ. (सब डिवीजनल ऑफिसर) को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए।
भ्रष्टाचार को नहीं दी जाएगी कोई जगह
हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें बिजली विभाग में किसी भी तरह की रिश्वतखोरी या अनियमितता की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत शिकायत करें।
इसके लिए सरकार ने एक विशेष व्हाट्सएप नंबर 9501200200 जारी किया है, जिस पर लोग अपनी शिकायतें भेज सकते हैं।
24 घंटे में होगी कार्रवाई
बिजली मंत्री ने भरोसा दिलाया कि यदि किसी आम नागरिक द्वारा उन्हें सीधे भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत भेजी जाती है, तो उस पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार आम लोगों के हक के लिए काम कर रही है और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
पंजाब सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अब विभागों में बैठे भ्रष्ट कर्मचारियों की खैर नहीं। मंत्री की अचानक चेकिंग और तुरंत की गई कार्रवाई इस बात का सबूत है कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है। जनता को भी अब खुलकर आगे आकर इस मुहिम में सरकार का साथ देने की ज़रूरत है।