पंजाब सरकार ने प्रदेश में पशुओं की स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य के सभी जिला और तहसील स्तर के पशु अस्पतालों में सर्प के दंश पर मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू की गई है। इस योजना के तहत 22 जिला स्तर के पोलिक्लिनिक और 97 तहसील स्तर के पशु अस्पतालों में पॉलिवैलेंट दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं, जो सर्प के जहर से बचाव करती हैं।
पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री, स. गुरमीत सिंह खड्डियां ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य सर्प दंश से प्रभावित पालतू जानवरों को तत्काल और प्रभावी इलाज प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सभी पशु अस्पतालों में सर्प के दंश से निपटने के लिए जरूरी एंटी-वेनेम दवाइयां और प्रशिक्षित कर्मी मौजूद हैं। यह कदम मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य सरकार द्वारा उठाया गया है, जो पालतू जानवरों और पशुओं की भलाई के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
मंत्री ने सर्प के दंश से होने वाली मौतों को रोकने के लिए समय रहते इलाज की महत्वता को रेखांकित किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पालतू जानवरों के मालिकों और पशुपालकों को इस सुविधा के बारे में जागरूक करें और जरूरत पड़ने पर जल्द से जल्द इलाज कराने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस सुविधा के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक पशु अस्पताल में एसओपी प्रदर्शित करें।
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. गुरशरणजीत सिंह बेदी ने सर्प दंश के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में जानकारी दी। इनमें सांस लेने में कठिनाई, शरीर पर दांतों के निशान, शरीर में दर्द, जानवर का कांपना और अधरंग जैसी समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने सलाह दी कि किसानों को जख्म को काटने या चूसने की बजाय, तत्काल नजदीकी पशु अस्पताल में जाकर इलाज कराना चाहिए। इस पहल से पंजाब में पालतू जानवरों और पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार होगा।