
पंजाब में रजिस्ट्रेशन से जुड़ी एक बड़ी प्रशासनिक बदलाव के बाद, अब सरकार ने फिर से तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और सब-रजिस्ट्रारों को रजिस्ट्री का अधिकार सौंप दिया है। पहले मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इन अधिकारियों से यह अधिकार वापस ले लिए थे, लेकिन अब हालात बदलते हुए नजर आ रहे हैं। आज से सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार दोबारा रजिस्ट्री का काम शुरू कर रहे हैं।
क्या था मामला?
कुछ हफ्ते पहले, पंजाब माल अफसर एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हड़ताल की घोषणा की थी। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 15 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को निलंबित कर दिया था। साथ ही, रजिस्ट्री का काम उनसे लेकर मात्र कानूनगो को दे दिया गया था। यह काम पिछले तीन हफ्तों से सिर्फ कानूनगो ही संभाल रहे थे।
हालांकि, करीब एक हफ्ता पहले ही सरकार ने तहसीलदारों को सिर्फ इंतकाल (नामांतरण) की मंजूरी देने का काम सौंपा था। लेकिन रजिस्ट्री के अधिकार अभी भी उनसे दूर ही रखे गए थे।
जिलों में डीसी ने दिए थे आदेश
मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद, पंजाब के हर जिले के डिप्टी कमिश्नर (DC) ने अपने-अपने स्तर पर लिखित और मौखिक आदेश जारी किए थे, जिसमें यह साफ कहा गया था कि रजिस्ट्री का अधिकार अब तहसीलदारों के पास नहीं रहेगा। इससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि रजिस्ट्री जैसे जरूरी काम में देरी हो रही थी।
अब फिर से मिल गए अधिकार
अब एक बार फिर सरकार ने परिस्थितियों को समझते हुए तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और सब-रजिस्ट्रारों को उनके पुराने अधिकार वापस दे दिए हैं। इसका मतलब है कि अब लोग फिर से अपने नजदीकी तहसील ऑफिस जाकर रजिस्ट्री से जुड़े काम करा सकेंगे। इससे न केवल सरकारी काम में तेजी आएगी, बल्कि जनता को भी बड़ी राहत मिलेगी।
क्यों अहम है यह फैसला?
पंजाब में ज़मीन-जायदाद से जुड़े कामों के लिए रजिस्ट्री एक अहम प्रक्रिया है। यदि यह काम रुक जाए या धीमा हो जाए, तो जनता को कानूनी और आर्थिक दोनों ही तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इसलिए सरकार का यह ताजा फैसला लोगों के लिए सकारात्मक और राहतभरा है।
अब देखना यह है कि सरकार और अधिकारी मिलकर कैसे इस व्यवस्था को और पारदर्शी और सरल बनाते हैं, ताकि आम लोगों का भरोसा प्रशासन पर और मजबूत हो सके।