
पंजाब सरकार अब भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन मोड में है। मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने सभी विभागों को एक सख्त पत्र लिखकर सिविल सेवाओं से जुड़ी लंबित अर्जियों का ब्योरा मांगा है। इसके तहत सभी विभागों को 26 मार्च सुबह 11 बजे तक जानकारी साझा करनी होगी।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी विभाग ने समय पर जानकारी नहीं दी तो इसे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के रूप में माना जाएगा। ऐसे में संबंधित अधिकारी और सचिव सीधे तौर पर जिम्मेदार माने जाएंगे। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि सरकारी सेवाओं से जुड़ी अर्जियों को लंबित रखना भ्रष्टाचार को जन्म देता है और जनता को परेशान करता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब सरकार का बड़ा कदम
पंजाब सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद अपनी कार्यशैली में बड़े बदलाव किए हैं। अब सरकार सीधे जनता से जुड़ने और प्रशासनिक सुधारों पर ज़ोर दे रही है। हाल ही में बड़े स्तर पर अधिकारियों के तबादले किए गए ताकि प्रशासन में पारदर्शिता लाई जा सके।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के तहत सरकार ने मुक्तसर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए। यह कदम सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है।
तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर भी कड़ा रुख
सरकार ने न केवल प्रशासनिक अधिकारियों पर शिकंजा कसा, बल्कि तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के मामले में भी सख्ती दिखाई। जब कर्मचारियों ने हड़ताल की और काम पर वापस नहीं लौटे, तो सरकार ने 16 नायब तहसीलदारों को निलंबित कर दिया। इसके बाद कर्मचारी अपनी हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आए।
इतना ही नहीं, 235 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के तबादले भी किए गए ताकि सरकारी सेवाओं को प्रभावी बनाया जा सके।
लंबित मामलों का जल्द निपटारा अनिवार्य
मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने यह साफ कर दिया है कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग अपने-अपने लंबित मामलों की जानकारी समय पर दें और उन पर त्वरित कार्रवाई करें।
सरकार का यह सख्त रुख दिखाता है कि अब पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है। प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए हर स्तर पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
पंजाब सरकार के इस फैसले का जनता के बीच सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब सरकारी कार्यालयों में लंबित मामलों का निपटारा तेजी से होगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।