पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र में हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम उठाया है। राज्यभर में कृषि के लिए 2,356 सोलर पंप लगाए जाएंगे, जो किसानों को सस्ती और पर्यावरण-friendly ऊर्जा प्रदान करेंगे। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से मुक्त करना है और उन्हें सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रेरित करना है, जिससे न केवल उनकी लागत कम होगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस परियोजना की शुरुआत पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) द्वारा की गई है, जो राज्य में सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रही है। पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने इस योजना के तहत कृषि सोलर पंप लगाने के लिए तीन कंपनियों को वर्क ऑर्डर सौंपे। इन कंपनियों में मैसर्स ए.वी.आई. एप्लायंसेज प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स पी.वी. पावर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, और मैसर्स हिमालयन सोलर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इन कंपनियों को पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है, और पंपों की इंस्टालेशन प्रक्रिया 4 महीनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। यह कदम राज्य में सोलर पंपों के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि इस परियोजना के तहत कृषि सोलर पंप उन क्षेत्रों में लगाए जाएंगे, जहां भूमिगत पानी की गहराई अधिक हो और पानी की उपलब्धता कम हो, जिसे “डार्क ज़ोन” कहा जाता है। इन क्षेत्रों के किसान जिनके पास पहले से माइक्रो सिंचाई प्रणाली (जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर) का उपयोग हो, उन पंपों को उनके बोरवेल्स पर लगाया जाएगा। इससे किसानों को सिंचाई के लिए दिन के समय ही ऊर्जा उपलब्ध होगी, जिससे रात को खेतों में जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
इस पहल से न केवल डीज़ल पर होने वाली खर्चों में कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी फायदेमंद साबित होगा। सोलर पंपों का उपयोग करने से शून्य प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन होगा, जो खेती में अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-friendly प्रथाओं को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, ये पंप कृषि के लिए एक स्थिर और सस्ता स्रोत प्रदान करेंगे, जिससे किसानों को अपनी सिंचाई प्रणाली की लागत में कमी महसूस होगी और उन्हें आर्थिक रूप से भी लाभ मिलेगा।
इस योजना में किसानों को सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। सामान्य श्रेणी के किसानों को 60% और अनुसूचित जाति के किसानों को 80% सब्सिडी दी जाएगी। 3, 5, 7.5 और 10 एचपी की क्षमता वाले सोलर पंप उपलब्ध होंगे, जो किसानों के सिंचाई की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। यह सब्सिडी किसानों को सोलर पंपों को अपनी सुविधानुसार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और उनके लिए इसे खरीदना सस्ता और सुलभ बना देगी।
इसके अलावा, पेडा के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे और अधिक सोलर पंपों की योजना बनाएं ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। श्री अमन अरोड़ा ने यह भी कहा कि इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से पंजाब में सोलर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की कृषि नीति में एक नया दृष्टिकोण जुड़ेगा। यह कदम पंजाब को हरित ऊर्जा की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संदीप हंस, निदेशक श्री एम.पी. सिंह और संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। पेडा के अधिकारियों ने इस योजना के विस्तार से जानकारी दी और इसके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदमों की चर्चा की। यह कदम पंजाब के कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा, क्योंकि इससे न केवल किसानों की सिंचाई प्रक्रिया को सस्ता और प्रभावी बनाया जाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा।
इस परियोजना के तहत कृषि सोलर पंपों के लगाए जाने से पंजाब में कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी, और यह राज्य के लिए एक सशक्त और टिकाऊ कृषि भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।