
पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज अमृतसर के जंडियाला मंडी का दौरा किया। दौरे के दौरान उन्होंने किसानों, आढ़तियों और मजदूरों को आश्वासन दिया कि इस सीजन में गेहूं की खरीद के दौरान किसी को भी किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
मंत्री कटारूचक्क ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मंडियों में किसानों और अन्य वर्गों को सुविधाएं मिलनी चाहिए और उनकी फसल का एक-एक दाना खरीदा जाए। उन्होंने कहा कि इस साल भी गेहूं खरीद का सीजन शानदार रहेगा।
कटारूचक्क ने जानकारी दी कि इस साल गेहूं की बंपर फसल की संभावना है और सरकार ने 124 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। अब तक मंडियों में 89 लाख मीट्रिक टन गेहूं आ चुका है, जिसमें से 83 लाख मीट्रिक टन की खरीद अलग-अलग एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को अब तक उनकी फसल की बिक्री के बदले करीब 15 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा, पंजाब सरकार ने 28,894 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट (CCL) का भी प्रबंध कर लिया है ताकि समय पर किसानों को पैसे मिलते रहें।
कटारूचक्क ने कहा कि पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पूरी तरह वचनबद्ध है कि मंडी में आने वाली हर गेहूं की बाली की खरीद सुनिश्चित हो और किसानों को उनकी फसल की रकम 24 घंटे के भीतर मिल जाए।
प्रेस से बातचीत करते हुए मंत्री ने एक और अहम जानकारी दी कि राज्य में अब तक 84% लोगों ने अपनी केवाईसी (KYC) पूरी कर ली है। उन्होंने बाकी लोगों से भी अपील की कि वे जल्द से जल्द अपनी केवाईसी करवा लें। मंत्री ने यह भी बताया कि अब लोगों को केवाईसी के लिए डिपो पर जाने की जरूरत नहीं है। वे घर बैठे अपने मोबाइल फोन से ही यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
सरकार ने केवाईसी की अंतिम तारीख भी बढ़ा दी है ताकि जो जरूरतमंद लोग रह गए हैं, वे भी अपनी जानकारी अपडेट करवा सकें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
अपने दौरे के दौरान, मंत्री ने जिला फूड सप्लाई कंट्रोलर, फूड सप्लाई अधिकारियों और सरकारी खरीद एजेंसियों के जिला प्रबंधकों को भी निर्देश दिए कि वे मंडियों में किसानों को किसी तरह की परेशानी न होने दें और सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी करें।
पंजाब सरकार का यह कदम किसानों के हितों की रक्षा करने और मंडियों में पारदर्शी और आसान खरीद प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।