
पंजाब सरकार ने प्रदेश से नशे को पूरी तरह खत्म करने के लिए अपनी मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ को और तेज कर दिया है। इस अभियान के तहत कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब प्रधान श्री अमन अरोड़ा ने जालंधर में जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर नशा-मुक्त जालंधर का रोडमैप तैयार किया। उन्होंने पुलिस को नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश देते हुए कहा कि चाहे कोई कितना भी रसूखदार क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
नशा तस्करों पर कसेगा शिकंजा
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा पंजाब सरकार की 5-सदस्यीय नशा विरोधी कैबिनेट सब-कमेटी के सदस्य हैं। उन्होंने बैठक में जिले में नशे की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों का गहन समीक्षा की। बैठक में पंजाब के बागवानी मंत्री महिंदर भगत, विधायक रमन अरोड़ा, बलकार सिंह और इंदरजीत कौर मान भी मौजूद रहे। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने नशे के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की।
जालंधर की पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने बताया कि बीते एक साल में जालंधर पुलिस ने:
207 केस दर्ज कर 431 लोगों को गिरफ्तार किया।
जालंधर देहाती पुलिस ने 372 केस दर्ज कर 589 अपराधियों को पकड़ा।
बड़ी मात्रा में नशे के पदार्थ बरामद किए गए।
अमन अरोड़ा ने पुलिस को निर्देश दिया कि सिर्फ बड़े तस्करों पर ही नहीं, बल्कि गली-मोहल्लों में चल रही नशे की आपूर्ति को भी तोड़ा जाए। उन्होंने बहु-स्तरीय रणनीति अपनाकर नशे का जड़ से खात्मा करने पर जोर दिया।
नशा तस्करों की संपत्ति होगी जब्त
कैबिनेट मंत्री ने जिला प्रशासन को नशा तस्करों की पहचान करने और उनकी अवैध संपत्तियों को जब्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस को खुली छूट दी है कि वह नशा माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
नशा छोड़ने वालों के लिए पुनर्वास योजनाएं
सिर्फ कानूनी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि सरकार नशे की चपेट में आए युवाओं के पुनर्वास के लिए भी बड़े कदम उठा रही है। अमन अरोड़ा ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि नशा छुड़ाने वाले केंद्रों (डि-एडिक्शन सेंटर) में अधिक से अधिक मरीजों को इलाज की सुविधा मिले।
जालंधर में फिलहाल 25 ओट क्लीनिक संचालित हो रहे हैं।
इन क्लीनिकों में 19,753 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
इन सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नशा करने वालों को अपराधी नहीं, बल्कि पीड़ित समझा जाना चाहिए और उनके पुनर्वास के लिए सरकार विशेष कौशल विकास (स्किल ट्रेनिंग) कार्यक्रम शुरू कर रही है ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
समाज को नशा मुक्त करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
अमन अरोड़ा ने सभी सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और आम जनता से नशे के खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ देने की अपील की। उन्होंने आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स से कहा कि वे नशा प्रभावित लोगों की पहचान कर उन्हें सही इलाज दिलाने में मदद करें।
उन्होंने जनता से कहा कि अगर कहीं भी नशा बेचा जा रहा हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि तस्करों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।
नशा तस्करों को दी कड़ी चेतावनी
कैबिनेट मंत्री ने नशा तस्करों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे नशा बेचना बंद कर दें, या फिर पंजाब छोड़ दें, क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार नशे को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नशा तस्करी रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा
अमन अरोड़ा ने बताया कि पंजाब सरकार ड्रोन के जरिए सीमापार से हो रही नशे और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक अपनाने पर विचार कर रही है।
बैठक में शामिल अन्य वरिष्ठ अधिकारी
इस अहम बैठक में डीआईजी नवीन सिंगला, डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल, एसएसपी गुरमीत सिंह, जालंधर मेयर विनीत धीर, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट चेयरपर्सन राजविंदर कौर थियाड़ा, जिला योजना कमेटी के चेयरमैन अमृतपाल सिंह, और कई अन्य वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
पंजाब सरकार नशे के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है और किसी भी कीमत पर राज्य को नशा-मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार पुलिस को पूरी छूट दे चुकी है कि वह नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करे और उनकी संपत्तियां जब्त करे।
साथ ही, सरकार नशा छोड़ने वाले युवाओं को पुनर्वासित करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम को भी मजबूत कर रही है।
अब जरूरत है कि जनता भी इस अभियान में सरकार का पूरा साथ दे, ताकि पंजाब को नशे से पूरी तरह मुक्त किया जा सके।