
पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, पुलिस अब छोटे नशा तस्करों के साथ-साथ बड़े सप्लायरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस अभियान की अगली रणनीति के बारे में जानकारी दी।
डीजीपी ने सभी पुलिस कमिश्नरों (सीपी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में 7 दिनों के भीतर बड़े नशा सप्लायरों की पहचान करें और उनकी सूची तैयार करें। इस निर्देश का मकसद पंजाब में नशे के व्यापार को खत्म करना है। पुलिस न केवल गिरफ्तार किए गए तस्करों से पूछताछ करेगी, बल्कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट और अन्य सूत्रों की मदद से बड़े नशा सप्लायरों तक भी पहुंचेगी।
अब तक हुई कार्रवाई
पंजाब सरकार ने 1 मार्च 2025 से इस अभियान की शुरुआत की थी, जिसके तहत अब तक 2384 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 4182 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से 146 किलोग्राम हेरोइन सहित बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए हैं।
डीजीपी ने बताया कि सड़क स्तर पर हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की उपलब्धता में कमी आई है। हालांकि, अभी भी गांवों और शहरों में तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने की जरूरत है। इसके लिए नशीले पदार्थों की आपूर्ति करने वाले बड़े सप्लायरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों को मिले कड़े निर्देश
डीजीपी गौरव यादव ने सभी सीपी और एसएसपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने इलाकों में नशा सप्लायरों की पूरी जानकारी जुटाएं। इसके लिए एक विशेष ‘मैपिंग अभियान’ शुरू किया जाएगा, जिसमें –
✔ गुप्त सूचनाएं,
✔ जनता से मिली जानकारी,
✔ सेफ पंजाब हेल्पलाइन के डेटा,
✔ गिरफ्तार तस्करों से मिली रिपोर्ट्स,
✔ एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों से मिले सुराग का उपयोग किया जाएगा।
डीजीपी ने साफ कहा कि इस लिस्ट को सटीक और विस्तृत होना चाहिए। यदि किसी अधिकारी को नशीले पदार्थों के नेटवर्क की सही जानकारी नहीं होगी, तो इसे गैर-पेशेवर रवैया माना जाएगा।
ढिलाई नहीं होगी बर्दाश्त
डीजीपी ने सभी सीपी और एसएसपी को समय पर रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में कोई भी अधिकारी लापरवाही बरतेगा, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।
इसके अलावा, बड़े नशा सप्लायरों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें बनाई जाएंगी। अभियान का मुख्य लक्ष्य राज्य से नशे की तस्करी को पूरी तरह खत्म करना है।
पंजाब सरकार का ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ अभियान अब और भी सख्त हो गया है। छोटे तस्करों की बजाय अब बड़े सप्लायरों पर फोकस किया जा रहा है। पुलिस की इस कार्रवाई से राज्य में नशे की उपलब्धता में कमी आई है। आने वाले दिनों में बड़े तस्करों की गिरफ्तारी के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिससे पंजाब को नशामुक्त बनाने में मदद मिलेगी।