
पंजाब सरकार ने राज्य के उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए वन टाइम सेटलमेंट (ओ.टी.एस.) योजना शुरू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को इस योजना को मंजूरी दे दी। यह निर्णय चार दशकों से लंबित मामलों को निपटाने के लिए किया गया है, जिससे हजारों उद्योगपतियों को फायदा होगा।
किसे मिलेगा ओ.टी.एस. योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ पंजाब में उन 1145 उद्योगपतियों को मिलेगा, जो लंबे समय से बकाया चुकाने की समस्या से जूझ रहे थे। इससे वे अपना बकाया क्लीयर कर सकेंगे और अपने व्यवसायों में दोबारा निवेश कर सकेंगे। इस कदम से राज्य में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
यह योजना उन डिफाल्टर प्लाट धारकों के लिए लागू होगी, जिनका मूल आवंटन 1 जनवरी 2020 या उससे पहले हुआ था। पंजाब राज्य औद्योगिक निर्यात निगम (PSIEC) द्वारा विकसित औद्योगिक फोकल पॉइंट्स में आने वाले औद्योगिक प्लॉट, शेड और आवासीय प्लॉट भी इस योजना में शामिल किए गए हैं।
उद्योगपतियों को कैसे मिलेगी राहत?
सरकार डिफाल्टरों को दंड ब्याज की 100 प्रतिशत छूट देगी और केवल 8% की मामूली सरल ब्याज दर पर बकाया चुकाने की अनुमति देगी।
इसके अलावा, जिन प्लॉट धारकों का आवंटन रद्द हो चुका था, उन्हें भी अपने बकाया का भुगतान कर फिर से अपना व्यवसाय शुरू करने का अवसर मिलेगा। यह योजना उद्योगों को कानूनी अड़चनों और वित्तीय बोझ से मुक्ति दिलाएगी और उन्हें अपने व्यापार के विस्तार और आधुनिकीकरण का मौका देगी।
राज्य में औद्योगिक बुनियादी ढांचे में होगा निवेश
इस योजना के तहत सरकार द्वारा एकत्रित राशि को औद्योगिक बुनियादी ढांचे में पुनर्निवेश किया जाएगा। इससे फोकल पॉइंट्स की स्थिति सुधरेगी और नए औद्योगिक पार्कों का विकास किया जाएगा।
उद्योगपतियों की सहायता के लिए विशेष हेल्प डेस्क
इस योजना का लाभ अधिक से अधिक उद्योगपतियों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने PSIEC के तहत एक विशेष वर्चुअल हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह हेल्प डेस्क उद्योगपतियों की सहायता करेगी और योजना से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को सुचारू बनाएगी।
31 दिसंबर 2025 तक आवेदन का मौका
उद्योगपति इस योजना का लाभ 31 दिसंबर 2025 तक उठा सकते हैं। इससे उन्हें अपने बकाया का भुगतान करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
औद्योगिक पार्क परियोजनाओं को सरेंडर करने की अनुमति
कैबिनेट ने औद्योगिक पार्क परियोजनाओं के ले-आउट सरेंडर करने की नीति को भी मंजूरी दी है। प्रमोटरों को सरेंडर करने की स्वीकृति तभी मिलेगी, जब वे सभी विधिक खर्चों और बकाया राशि का भुगतान करेंगे।
पंजाब लोक सेवा आयोग के सेवा नियमों में बदलाव
इसके अलावा, पंजाब कैबिनेट ने पंजाब लोक सेवा आयोग (PPSC) के सेवा नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इसके तहत आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति को सुगम बनाया जाएगा।
कैसे बदलेगी पंजाब की औद्योगिक तस्वीर?
इस योजना से पंजाब में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल तैयार होगा। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला नए निवेश को आकर्षित करेगा और पंजाब को औद्योगिक रूप से मजबूत राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस योजना से उद्योगों को राहत, बुनियादी ढांचे में सुधार और रोजगार के नए अवसर मिलने की उम्मीद है, जिससे पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी।