पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में नशे की समस्या से निपटने के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत, विभाग ने एनजीओ नार्कोटिक्स एनोनिमस (NA) के साथ सहयोग किया है। यह कदम नशे की लत से जुड़े मिथकों और गलतफहमियों को दूर करने के साथ-साथ इस गंभीर समस्या पर खुली और ईमानदार चर्चा को प्रोत्साहित करेगा, जिससे सहानुभूति और समझ का माहौल बनेगा।
डॉ. बलबीर सिंह ने राज्य स्तरीय NA सदस्यों और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पंजाब में नशे की समस्या बढ़ती चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि नशे की लत से न केवल सामाजिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं, बल्कि इंजेक्शन द्वारा नशा करने वाले लोग एचआईवी, एचसीवी और टीबी जैसी घातक और संक्रामक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार पंजाब में मुफ्त नशा मुक्ति सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी है। इसके तहत 529 ओओएटी क्लीनिक, 36 ट्रीटमेंट सेंटर और 19 पुनर्वास केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने पुनर्वास प्रक्रिया पर जोर देते हुए कहा कि इससे नशा छोड़ने वाले मरीजों के दोबारा नशे की चपेट में आने की संभावना को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में NA एक अहम भूमिका निभा सकता है।
बैठक में मानसिक स्वास्थ्य के सहायक निदेशक डॉ. संदीप भोला ने बताया कि नशे के मरीज आमतौर पर अपने साथियों के साथ अपनी समस्याओं को खुलकर साझा करते हैं, जबकि वे डॉक्टर से यह करने में झिझक महसूस करते हैं। ऐसे में NA के पीयर एडुकेटर्स (सहकर्मी शिक्षकों) की मदद नशे की समस्या से जूझ रहे लोगों को समाधान तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण हो सकती है।
इस बैठक में सहायक निदेशक डॉ. मंजू बंसल और मेडिकल ऑफिसर डॉ. हरपाल सिंह ने भी हिस्सा लिया।
NA के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य मंत्री को पंजाब से नशे की समस्या को खत्म करने में अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इस पहल से राज्य में नशा मुक्ति अभियान को एक नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है।