
पंजाब सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी दी है कि 31 मार्च 2025 तक पंजाब की लगभग 21,397 जरूरतमंद महिलाओं को वन स्टॉप सेंटरों के माध्यम से मुफ्त आपातकालीन और सामान्य सेवाएं दी जा चुकी हैं।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि राज्य के हर जिले में ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’ स्थापित किए गए हैं, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक ही छत के नीचे कई तरह की मदद उपलब्ध कराते हैं। इन सेंटरों पर महिलाओं को मुफ्त में चिकित्सा सहायता, कानूनी सलाह, पुलिस से संबंधित सेवाएं, काउंसलिंग, रहने के लिए सुरक्षित जगह और भोजन जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद है कि किसी भी महिला को हिंसा, उत्पीड़न या किसी अन्य प्रकार की समस्या का सामना अकेले न करना पड़े। ये वन स्टॉप सेंटर ऐसी महिलाओं के लिए एक सहारा बन चुके हैं, जो मुश्किल हालातों में जी रही होती हैं। यहां पर उन्हें तुरंत मदद मिलती है और वे खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं।
उन्होंने आगे बताया कि पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाया जाए। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें एक ऐसा माहौल दिया जाए जहां वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने हक के लिए आवाज उठा सकें। सरकार महिलाओं को सिर्फ सुरक्षा ही नहीं दे रही, बल्कि उन्हें सशक्त भी बना रही है।
डॉ. बलजीत कौर ने यह भी कहा कि किसी भी समाज की तरक्की उस समाज की महिलाओं की स्थिति पर निर्भर करती है। अगर महिलाएं सुरक्षित और सशक्त होंगी, तभी समाज प्रगति करेगा। इसलिए महिलाओं को सहयोगी और सम्मानजनक वातावरण देना पंजाब सरकार की प्राथमिकता है।
यह पहल महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है।