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पंजाब सरकार ने राज्य में रेशम की खेती (Sericulture) को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में “हर घर रेशम” मिशन शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और राज्य में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देना है।
क्या है “हर घर रेशम” मिशन?
- यह मिशन गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में शुरू किया जाएगा, क्योंकि ये क्षेत्र रेशम की खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
- इस मिशन के तहत किसानों को रेशम की खेती के लिए आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- नई तकनीकों और आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर रेशम उत्पादन को और बेहतर बनाया जाएगा।
- सरकार किसानों को कोकून स्टोरेज और रीलिंग यूनिट स्थापित करने में मदद करेगी।
रेशम की खेती से किसानों को क्या फायदा होगा?
- अतिरिक्त आय का स्रोत – पारंपरिक फसलों के साथ-साथ किसान रेशम की खेती कर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं।
- कम पानी की जरूरत – रेशम की खेती को अन्य फसलों की तुलना में कम पानी और कम लागत की जरूरत होती है।
- नए रोजगार के अवसर – इस योजना से ग्रामीण युवाओं को भी रोजगार मिलेगा और वे रेशम के व्यवसाय से जुड़ सकेंगे।
- सरकारी अनुदान और सहायता – पंजाब सरकार आर्थिक मदद, सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी।
कोकून स्टोरेज और रीलिंग यूनिट की स्थापना
- कोकून स्टोरेज यूनिट – रेशम के कीड़ों द्वारा बनाए गए कोकून को सुरक्षित रखने के लिए आधुनिक स्टोरेज यूनिट बनाए जाएंगे।
- रीलिंग यूनिट – यहां कोकून से रेशम निकाला जाएगा और उच्च गुणवत्ता वाला रेशम धागा तैयार किया जाएगा।
- इन सुविधाओं से किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम मिलेगा और वे बड़े बाजारों तक पहुंच बना सकेंगे।
सरकार की क्या योजना है?
- राज्य सरकार ने बजट में इस योजना के लिए विशेष धनराशि आवंटित की है।
- किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर ज्यादा उत्पादन कर सकें।
पंजाब सरकार का यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और राज्य में रेशम उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा फैसला है। यह योजना किसानों को नए अवसर और अतिरिक्त आमदनी का लाभ देगी, जिससे पंजाब के कृषि क्षेत्र में नवाचार और आर्थिक उन्नति संभव होगी।