
पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशे के खिलाफ़ अभियान ने नशे की लत से जूझ रहे लोगों के लिए एक नई राह दिखाई है। राज्य में नशे के खिलाफ़ उठाए गए सख्त कदमों के चलते, नशेड़ियों को अब इस लत से छुटकारा पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस मुहिम का एक सकारात्मक उदाहरण हाल ही में देखने को मिला, जब अमृतसर के मकमूलपुरा इलाके में पुलिस ने दो नशेड़ी युवकों को पकड़कर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा।
यह घटना उस वक्त सामने आई, जब स्थानीय पुलिस गश्त पर थी। पुलिस ने देखा कि सड़कों पर एक युवक और एक युवती बेहोशी की हालत में पड़े थे। पुलिस ने दोनों को उठाकर थाने लाया और पूछताछ की। पुलिस के मुताबिक, दोनों ने बताया कि वे नशे की तड़प में थे और उन्हें नशा नहीं मिल पा रहा था। इसके बाद, ए.डी.सी.पी. हरपाल सिंह की अगुवाई में पुलिस ने दोनों को स्वामी विवेकानंद नशामुक्ति इलाज केंद्र में भर्ती करवा दिया।
पुलिस ने बताया कि नशे की तड़प से जूझ रहे युवक का नाम चाटीविंड से था और वह मकमूलपुरा इलाके में नशा करने के लिए आया था। हालांकि, मकमूलपुरा क्षेत्र में नशे की सप्लाई बंद हो चुकी थी, क्योंकि पुलिस की सख्ती के कारण अब यहां नशा बेचने वाले या तो जेल में हैं या फरार हो गए हैं। पुलिस के इस अभियान ने नशे के सौदागरों को पूरी तरह से पराजित कर दिया है।
इस तरह के कड़े कदम न केवल नशे की समस्या को कम कर रहे हैं, बल्कि नशेड़ियों को इलाज की सुविधा भी प्रदान कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि यह दोनों व्यक्ति इलाज करवाना चाहते थे, इसलिए उन्हें नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया और उनका इलाज शुरू कर दिया गया है।
इस पहल के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि पंजाब सरकार की नशे के खिलाफ मुहिम सिर्फ नशे के व्यापार को ही खत्म नहीं कर रही, बल्कि नशे की लत से जूझ रहे लोगों को सही मार्गदर्शन और इलाज भी उपलब्ध करवा रही है। अब इस तरह के कदमों से उम्मीद है कि पंजाब को नशे की समस्या से मुक्ति मिलेगी।