पंजाब सरकार का फैसला: प्ले वे स्कूलों के लिए पंजीकरण अनिवार्य – डॉ. बलजीत कौर
पंजाब सरकार ने राज्य में अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ई.सी.सी.ई) कौंसिल के सुझावों को लागू करने का निर्णय लिया है। सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने यह जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि इन सुझावों के तहत राज्य में चल रहे सभी निजी प्ले वे स्कूलों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
प्ले वे स्कूलों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग के तहत 6 महीनों में सभी प्ले वे स्कूलों का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा। इसके बाद केवल रजिस्टर्ड प्ले वे स्कूल ही राज्य में काम कर सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन सिस्टम स्थापित किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो सके।
राज्य स्तरीय निगरानी और नया सिलेबस
राज्य के सभी प्ले वे स्कूलों की निगरानी राज्य स्तरीय ई.सी.सी.ई कौंसिल करेगी, जिसका नेतृत्व विभाग के मंत्री करेंगे। कौंसिल ने 0-3 साल के बच्चों के लिए “नवचेतना” और 3-6 साल के बच्चों के लिए “आधारशिला” सिलेबस तैयार किया है। इसके तहत बच्चों को किताबों और पेंसिलों के बजाय खेल के जरिए पढ़ाया जाएगा, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर हो।
आर.टी.एक्ट के तहत स्कूलों के लिए रजिस्ट्रेशन
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आर.टी.एक्ट) 2009 के तहत आने वाले सभी प्री-प्राइमरी स्कूलों को भी यह रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
बच्चों की सुरक्षा और माता-पिता के लिए सलाह
मंत्री ने बताया कि प्ले वे स्कूलों में सी.सी.टी.वी कैमरे और खेलने के लिए उचित जगह होना अनिवार्य होगा। बच्चों की सेहत और विकास को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर वॉट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को स्कूल में दाखिल कराने से पहले यह सुनिश्चित करें कि स्कूल रजिस्टर्ड है या नहीं।
सरकार की बच्चों के विकास पर फोकस
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन कदमों से प्ले वे स्कूलों की शिक्षा प्रणाली में बदलाव आएगा और बच्चों को उनके शुरुआती विकास के लिए बेहतर माहौल मिलेगा।
पंजाब सरकार के इस कदम से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार और बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।