
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। ड्रग्स माफियाओं की लगातार गिरफ्तारी हो रही है और बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब राज्य सरकार ने नशा मुक्ति दवाओं की चोरी को रोकने के लिए नए नियम लागू किए हैं।
नशा मुक्ति दवाओं की चोरी पर सख्ती
पिछले कुछ समय से सरकार को शिकायतें मिल रही थीं कि नशा मुक्ति के लिए दी जाने वाली दवाओं की चोरी की जा रही है। इसके अलावा, इन दवाओं की अवैध बिक्री भी सामने आ रही थी। कुछ मरीज फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर एक से अधिक जगहों से दवाएं ले रहे थे। इस स्थिति से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
10 लाख मरीज लेते हैं यह दवा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में करीब 10 लाख लोग बुप्रेनोर्फिन टैबलेट्स का सेवन कर रहे हैं। यह दवा सिर्फ सरकारी अस्पतालों और कुछ पंजीकृत निजी क्लीनिकों में उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन चोरी और अवैध बिक्री के कारण सरकार को इसे लेकर नई रणनीति अपनानी पड़ी।
अब बायोमेट्रिक प्रणाली से मिलेगी दवा
नशा मुक्ति दवाओं की चोरी रोकने के लिए सरकार ने ओपिऑइड असिस्टेड ट्रीटमेंट (OOAT) पर द्वि-स्तरीय बायोमेट्रिक प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। अब मरीजों को दवा लेने के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा।
इस नई प्रणाली में मरीजों की पहचान फिंगरप्रिंट और फेस रिकग्निशन से की जाएगी। इससे कोई भी व्यक्ति फर्जी पहचान का उपयोग करके अलग-अलग जगहों से दवा नहीं ले सकेगा। इससे चोरी और अवैध बिक्री पर रोक लगाई जा सकेगी।
नशे के खिलाफ पंजाब सरकार की सख्ती
पंजाब सरकार लगातार नशे के खिलाफ अभियान चला रही है। पुलिस और प्रशासन ड्रग्स माफिया पर शिकंजा कस रहे हैं। आए दिन ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है और दोषियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
सरकार का मानना है कि अगर नशा मुक्ति दवाओं की चोरी और अवैध बिक्री पर रोक लगा दी जाए तो नशे की समस्या को और बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है। नई बायोमेट्रिक प्रणाली से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दवा सिर्फ जरूरतमंद मरीजों तक ही पहुंचे और इसका गलत इस्तेमाल न हो।
पंजाब सरकार का यह कदम नशा मुक्ति अभियान को मजबूती देगा। इससे न केवल दवाओं की चोरी रुकेगी, बल्कि मरीजों को सही तरीके से उपचार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब को नशामुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है और इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।