पंजाब सरकार, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी नेतृत्व में, राज्य के हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इस मिशन के तहत, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है।
जल आपूर्ति ढांचे का सुधार
राज्य के 153 ब्लॉकों के 11,467 ग्राम पंचायतों में जल आपूर्ति और स्वच्छता योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इनमें से 9,492 योजनाएं पहले से ही संचालित हैं। इसके अतिरिक्त, नाबार्ड (NABARD) के तहत 469 योजनाएं 700 गांवों में लागू की गई हैं। नाबार्ड 30 के तहत 160 करोड़ रुपये की एक और योजना को वित्त विभाग की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया गया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अबोहर में 119.16 करोड़ रुपये की जल आपूर्ति और सीवरेज परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनसे 1.5 लाख से अधिक निवासियों को लाभ मिलेगा। इस परियोजना में 3.50 एमजीडी क्षमता वाले स्वचालित जल आपूर्ति प्रोजेक्ट के माध्यम से नहर का पानी घरों तक पहुंचाने की सुविधा शामिल है।
सुनाम उदम सिंह वाला क्षेत्र में 4.21 करोड़ रुपये की लागत से तीन गांवों में जल आपूर्ति परियोजनाएं पूरी की गई हैं। इसके तहत 7,218 निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल टैंक, ट्यूबवेल, सोलर सिस्टम और 29 किलोमीटर पाइपलाइन स्थापित की गई है।
प्रमुख स्वीकृतियां और आगामी परियोजनाएं
सरकार ने संगरूर जिले के 37 गांवों में जल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए 25.61 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिससे 87,053 लोग लाभान्वित होंगे। इसी जिले के 24 गांवों में जल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए 28.32 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
फगवाड़ा में 4.35 करोड़ रुपये की लागत से एक जल आपूर्ति परियोजना का निर्माण चल रहा है, जो मई 2025 तक 8,000 से अधिक लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराएगी। 2024-25 तक, लगभग 2,200 करोड़ रुपये की लागत से 15 प्रमुख बहु-गांव सतही जल आपूर्ति परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के माध्यम से पंजाब के 1,700 से अधिक गांवों को स्वच्छ जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
जल गुणवत्ता संबंधी चुनौतियों का समाधान
जल गुणवत्ता की समस्याओं से निपटने के लिए विभिन्न जिलों में 685 आर्सेनिक और आयरन हटाने वाले संयंत्र लगाए गए हैं। इसमें आईआईटी मद्रास का तकनीकी सहयोग लिया गया है। सीमावर्ती गांवों में 133 करोड़ रुपये की लागत से घरों के लिए शुद्धिकरण उपकरण और सामुदायिक जल उपचार संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशालाओं का नेटवर्क भी मजबूत किया गया है। 31 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल (NABL) प्रमाणन दिया गया है, जिनमें एक राज्य स्तरीय रेफरल लैब, छह क्षेत्रीय लैब, 17 जिला स्तरीय लैब और सात ब्लॉक स्तरीय लैब शामिल हैं।
जल संरक्षण को बढ़ावा
पंजाब सरकार जल बर्बादी को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है। जल अधिनियम के तहत जिम्मेदार जल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जुर्माने लगाए जा रहे हैं। साथ ही, सरकार कुशल जल प्रणालियों के उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है और घरों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल बनाए रखने के लिए सहायता प्रदान कर रही है।
स्थायी विकास की ओर कदम
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की व्यापक दृष्टि साफ पानी की आपूर्ति के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्थिरता को भी बढ़ावा देती है। जल ढांचे के विकास और जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करके, यह सरकार हर घर में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के अपने वादे को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
यह संकल्प न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को हल करेगा बल्कि पंजाब के निवासियों को स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने में भी मदद करेगा।