
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, पंजाब सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ लॉन्च किया। समाज सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस पहल का मकसद हिंसा पीड़ित महिलाओं और बच्चों तक जल्दी और प्रभावी सहायता पहुंचाना है।
महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की पहल
चंडीगढ़ के MGSIPAP, सेक्टर 26 में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि यह प्रोजेक्ट उन महिलाओं की मदद करेगा जो घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न या किसी अन्य तरह के शोषण का सामना कर रही हैं। उन्होंने पंजाब की सभी महिलाओं से आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 181 को अपने फोन में सेव करने की अपील की, ताकि किसी भी संकट की स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का सपना है कि पंजाब एक सशक्त और प्रगतिशील राज्य बने। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव होगा जब महिलाएं निर्भय होकर अपने जीवन को जी सकें। ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ इस लक्ष्य को पाने में अहम भूमिका निभाएगा।
तेजी से सहायता पहुंचाने के लिए विशेष योजना
मंत्री ने कहा कि हालांकि सरकार पहले भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा चुकी है, लेकिन अभी भी समय पर सहायता पहुंचाने में कई चुनौतियां बनी हुई हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिए विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच तालमेल बनाया जाएगा, ताकि पीड़ितों को तुरंत सहायता मिल सके।
उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य के तहत 24×7 महिला और बाल हेल्पलाइन ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की रीढ़ होगी। यह हेल्पलाइन आपातकालीन और गैर-आपातकालीन दोनों तरह की सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
इमरजेंसी सपोर्ट सिस्टम से जुड़ाव
हेल्पलाइन पर आने वाली कॉल को तीन श्रेणियों – आपातकालीन, गैर-आपातकालीन और जानकारी संबंधी – में बांटा जाएगा। आपातकालीन मामलों को सीधे ‘इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम’ (ERSS-112) से जोड़ा जाएगा, ताकि तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके।
विभिन्न विभागों के सहयोग से सुरक्षा सुनिश्चित
इस योजना के तहत समाज सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग, पंजाब पुलिस और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मिलकर काम करेंगे।
इस सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन, कानूनी सहायता, मेडिकल सेवा और मनोवैज्ञानिक सहयोग सुचारू रूप से मिलेगा।
प्रोजेक्ट का संचालन कैसे होगा?
- डिप्टी कमिश्नर की निगरानी में इसका क्रियान्वयन होगा।
- हर जिले में ‘रेस्क्यू और आउटरीच’ कार्यों के लिए विशेष वाहन तैनात किए जाएंगे।
- गैर-आपातकालीन मामलों को ‘वन स्टॉप सेंटर’ (OSC), जिला बाल संरक्षण इकाइयों (DCPU) और जिला महिला सशक्तिकरण केंद्रों को भेजा जाएगा।
- जहां पीड़ितों को काउंसलिंग, कानूनी सहायता और पुनर्वास सेवाएं मिलेंगी।
- महिला आश्रय गृहों और सरकारी कल्याण योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।
चंडीगढ़ में अत्याधुनिक कंट्रोल रूम
इस प्रोजेक्ट को प्रभावी बनाने के लिए चंडीगढ़ में एक आधुनिक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह कंट्रोल रूम महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देगा, कॉल ट्रैफिक को मॉनिटर करेगा और रिपोर्ट तैयार करेगा।
महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा
डॉ. बलजीत कौर ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी पीड़िता बिना मदद के न रहे। ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ पीड़ितों को सशक्त बनाएगा और उन्हें गरिमा के साथ नया जीवन शुरू करने में मदद करेगा।”
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि अगर कहीं भी महिलाओं या बच्चों के खिलाफ हिंसा हो रही हो, तो तुरंत 181 या 1098 पर कॉल करें।
महत्वपूर्ण कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन
‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ घरेलू हिंसा कानून (Domestic Violence Act) और ‘यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम’ (POCSO Act) के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करेगा। इसका मकसद महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज बनाना है।
कार्यक्रम में शामिल गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर राजी पी. श्रीवास्तव (विशेष मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग), गुरप्रीत कौर देव (विशेष डीजीपी, महिला मामलों की विभाग), शीना अग्रवाल (निदेशक, समाज सुरक्षा विभाग), एस.पी. सिंह कर्नल (से.नि.), जिला कार्यक्रम अधिकारी और अन्य सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।
‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ पंजाब में महिला और बाल सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। इस पहल से महिलाओं को निडर होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर मिलेगा।