चंडीगढ़: पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि दिल्ली में पकड़ी गई नकली रजिस्ट्रेशन नंबर PB35AE1342 वाली गाड़ी का पंजाब सरकार से कोई संबंध नहीं है। इस गाड़ी को अवैध शराब और नकदी के साथ पकड़ा गया था, जिसके बाद मीडिया में यह खबर आई कि वाहन पर पंजाब सरकार का स्टिकर लगा हुआ था।
सरकारी रिकॉर्ड में कुछ और ही है हकीकत
ट्रांसपोर्ट विभाग की जांच में सामने आया कि रजिस्ट्रेशन नंबर PB35AE1342 असल में फोर्ड ईकोस्पोर्ट (2018 मॉडल) के नाम पर पंजीकृत है। यह वाहन मेजर अनुभव शिवपुरी के नाम पर दर्ज है, जो तीन साल पहले आर्मी डेंटल कॉलेज, पठानकोट में तैनात थे और वर्तमान में महाराष्ट्र के खड़की के स्थायी निवासी हैं। वहीं, दिल्ली में पकड़ा गया वाहन हुंडई क्रेटा निकला, जिससे साफ है कि इस्तेमाल की गई नंबर प्लेट नकली और फर्जी थी।
फर्जी नंबर प्लेट और सुरक्षा में सेंध
ट्रांसपोर्ट विभाग के अनुसार, सभी वाहनों के लिए हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) अनिवार्य है। लेकिन जिस नंबर प्लेट के साथ यह गाड़ी पकड़ी गई, वह HSRP के मानकों पर खरी नहीं उतरती और इसे आसानी से बनाया जा सकता है।
पंजाब सरकार का इस वाहन से कोई लेना-देना नहीं
सरकार ने अपने आधिकारिक रिकॉर्ड की जांच की और पुष्टि की कि यह वाहन पंजाब सरकार की न तो संपत्ति है और न ही किसी सरकारी विभाग के किराए पर लिया गया वाहन है। इस गाड़ी पर पंजाब सरकार का स्टिकर लगाए जाने की बात पूरी तरह से भ्रामक है।
जांच जारी, कड़ी कार्रवाई की तैयारी
ट्रांसपोर्ट विभाग ने दिल्ली पुलिस को इस मामले की पूरी जानकारी सौंप दी है। नकली नंबर प्लेट और पंजाब सरकार के नाम का गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जनता से अपील
पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग ने जनता से अपील की है कि वे नकली नंबर प्लेट वाले वाहनों से सतर्क रहें और किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी वाहन की पहचान के लिए HSRP और सरकारी विभाग द्वारा जारी आधिकारिक स्टिकर को ध्यान से जांचना जरूरी है।
यह मामला फर्जीवाड़े का प्रतीक है, जहां नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की गई। सरकार इस मामले में सख्ती से कार्रवाई कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।