
पंजाब में नशे के खिलाफ मुहिम को और तेज़ करते हुए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर ज़िले में लगातार दूसरे दिन पैदल मार्च की अगुवाई की। यह मार्च पंजाब के सीमावर्ती जिलों में हो रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित करना है।
राज्यपाल ने कहा कि पंजाब शहीदों, वीरों और देशभक्तों की धरती है और इसे नशे की दलदल में डूबने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस बुराई के खिलाफ संगठित होकर आवाज उठाएं।
नशा सिर्फ पंजाब नहीं, पूरे देश की समस्या
राज्यपाल ने कहा कि नशा आज केवल पंजाब की समस्या नहीं, बल्कि यह पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। सीमा पार से नशे की तस्करी लगातार हो रही है, लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियां दिन-रात इस पर नज़र रख रही हैं। इसके अलावा, गांवों में जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई सुरक्षा समितियाँ भी इस तस्करी को रोकने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने बताया कि सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम पहले से ही तैनात हैं और अब इन्हें और मजबूत किया जा रहा है। पंजाब सरकार भी एंटी-ड्रोन सिस्टम को और फैलाने की कोशिश कर रही है ताकि ड्रोन के जरिए हो रही नशे की सप्लाई को रोका जा सके।
बच्चों को जोड़े धार्मिक स्थलों और खेल से
राज्यपाल कटारिया ने अमृतसर के शहीद भगत सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेज में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को गुरुद्वारों, मंदिरों और मस्जिदों से जोड़ना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि पहले बच्चे अपने धार्मिक विश्वासों के अनुसार धार्मिक स्थलों पर जाते थे, जिससे उन्हें ना केवल आत्मिक संतोष मिलता था बल्कि सामाजिक बुराइयों से दूर रहने की प्रेरणा भी मिलती थी।
आज के दौर में बच्चे मोबाइल फोन तक सीमित हो गए हैं, और माता-पिता भी उन्हें धार्मिक या खेल गतिविधियों की ओर प्रोत्साहित नहीं करते। उन्होंने कहा कि खेल के मैदानों में बच्चों को भेजना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि एक अच्छा खिलाड़ी न केवल स्वस्थ रहता है, बल्कि अनुशासन, टीम भावना और जीत-हार को स्वीकारने जैसे गुण भी सीखता है।
खेल मैदान बनेगा हर गांव में
राज्यपाल ने बताया कि जिला प्रशासन ने हर गांव में खेल मैदान बनाने की योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि जिस भी पंचायत को खेल मैदान बनवाने में मदद चाहिए, वह सीधे डिप्टी कमिश्नर कार्यालय से संपर्क कर सकती है।
राज्यपाल का मानना है कि खेल और धर्म दोनों नशे से लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, “आओ, अपने बच्चों को फिर से गुरुद्वारों, मंदिरों और खेल के मैदानों से जोड़ें। यही तरीका है उन्हें नशे से दूर रखने का।”
बच्चों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
इस पैदल मार्च में बड़ी संख्या में स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने हिस्सा लिया। यह यात्रा ऑक्सफोर्ड स्कूल से शुरू होकर शहीद भगत सिंह कॉलेज पर समाप्त हुई। इस आयोजन ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि अगर समाज एकजुट हो जाए, तो नशे जैसी बुराई को जड़ से खत्म करना संभव है।