
पंजाब में पानी और बिजली को लेकर चल रही राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है। बुधवार को पंजाब सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों ने भाखड़ा डैम के पास धरना प्रदर्शन किया। यह धरना केंद्र सरकार और BBMB की कथित ज़बरदस्ती के खिलाफ था। इस प्रदर्शन में बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ., एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, जल संसाधन मंत्री बरिंदर सिंह गोयल, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर समेत कई नेता शामिल हुए।
धरने में बोलते हुए मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने साफ कहा कि पंजाब किसी भी कीमत पर अपना पानी दूसरे राज्यों को नहीं देगा। उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह साजिश के तहत पंजाब का पानी हरियाणा और अन्य राज्यों को देना चाहती है। धालीवाल ने कहा कि पंजाब पहले से ही पानी की भारी कमी से जूझ रहा है, और ऐसे में पंजाब के हिस्से का पानी देना नाइंसाफी होगी। उन्होंने दोहराया कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार केंद्र की “धक्केशाही” बिल्कुल भी सहन नहीं करेगी।
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ. ने भी केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जबरन पंजाब का पानी हरियाणा को देने की कोशिश की। इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सख्त विरोध दर्ज कराया। उन्होंने यह भी बताया कि मान सरकार ने पंजाब के लोगों को हर महीने 600 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी है, जिससे जनता को बड़ी राहत मिली है।
हरभजन सिंह ने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले थर्मल प्लांटों में कोयले की भारी कमी होती थी। कभी-कभी तो स्थिति इतनी खराब होती थी कि प्लांट में सिर्फ दो दिन का कोयला ही बचा होता था। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। पिछवाड़ा कोल माइन्स से सरकार ने पंजाब के हिस्से का कोयला मंगवाया है और अब थर्मल प्लांटों में कोयले की कोई कमी नहीं है।
मंत्री ने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने श्री गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट को 1080 करोड़ रुपये में खरीदा, जिससे राज्य में बिजली उत्पादन को और मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब में बिजली की कोई कमी नहीं है।
सबसे बड़ी बात यह है कि 600 यूनिट मुफ्त बिजली देने के बावजूद पंजाब पावर कॉरपोरेशन मुनाफे में चल रहा है। इस वर्ष कंपनी ने 311 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जो कि सरकार की योजना की सफलता का प्रमाण है।
धरने के माध्यम से पंजाब सरकार ने यह संदेश दिया कि अब राज्य अपने अधिकारों के लिए मजबूती से खड़ा रहेगा और केंद्र सरकार के किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।