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बीती रात अमेरिका से जबरन देश निकाले गए भारतीयों से पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. और कुलदीप सिंह धालीवाल ने मुलाकात की। इन भारतीयों को अमेरिकी सेना के जहाज से अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया था।
पंजाब सरकार ने जताई सहानुभूति
मुलाकात के दौरान पंजाब सरकार के मंत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार इन लोगों को अपराधी मान रही है, जबकि पंजाब सरकार इन्हें पीड़ित समझती है। उन्होंने कहा कि ये लोग बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश गए थे, लेकिन अब उन्हें जबरन वापस भेज दिया गया।
पंजाब को बदनाम करने की साजिश
मंत्रियों ने आरोप लगाया कि अमेरिकी सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर जानबूझकर डिपोर्ट किए गए भारतीयों को अमृतसर में उतारा। उन्होंने इसे पंजाब को बदनाम करने और राज्य की सुरक्षा को खतरे में डालने की साजिश बताया। उन्होंने कहा, “अगर ये भारतीय पूरे देश से थे, तो फिर उन्हें दिल्ली या किसी अन्य शहर में क्यों नहीं उतारा गया?”
केंद्र सरकार पर सवाल
मंत्रियों ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए और कहा कि जब भारतीयों को विदेश में इस तरह अपमानित किया जा रहा है, तो केंद्र सरकार को सख्त रुख अपनाना चाहिए था। लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रही है।
पंजाब सरकार करेगी मदद
पंजाब सरकार ने डिपोर्ट हुए लोगों को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिया और कहा कि उनके पुनर्वास के लिए सरकार मदद करेगी। साथ ही, विदेश जाने के इच्छुक युवाओं को सही जानकारी और सुरक्षा देने के लिए भी सरकार प्रयास कर रही है।
यह मामला अब राजनीतिक बहस का विषय बन गया है, और पंजाब सरकार केंद्र से इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग कर रही है।