
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के रवैये पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पंजाब की नहरों और सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बावजूद केंद्र पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।
सीएम भगवंत मान ने बताया कि पहले की सरकारों ने पंजाब की नहरों की हालत पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। नहरें सूख चुकी थीं और किसान मजबूरी में ज़मीन का दोहन कर रहे थे। लेकिन अब हमारी सरकार ने नहरों की मरम्मत करवाई है और मालवा क्षेत्र में एक नई नहर भी तैयार की जा रही है। इससे खेतों तक सीधा नहरी पानी पहुंचाया जा रहा है, जिससे किसानों को राहत मिली है और भूजल पर निर्भरता भी घटी है।
उन्होंने आगे कहा कि मानवता के आधार पर पंजाब पहले ही हरियाणा को 4000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दे रहा है। इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने धन्यवाद देना तो दूर, BBMB की रातों-रात बैठक बुलाकर चेयरमैन को बदल दिया और अब 8500 क्यूसेक और पानी की मांग कर रही है। इसे उन्होंने पंजाब के साथ नाइंसाफी करार दिया।
सीएम मान ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब के साथ हर मोर्चे पर ज़बरदस्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब की सुरक्षा के लिए भेजी गई सेना का किराया तक राज्य सरकार से मांगा जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है।
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड को सीएम ने एक “सफेद हाथी” कहा और कहा कि इसका पूरा खर्चा पंजाब सरकार उठाती है, जबकि फैसले केंद्र अपने अनुसार करता है। उन्होंने मांग की कि BBMB का पुनर्गठन किया जाए ताकि इसमें पंजाब के हितों को भी समान प्रतिनिधित्व और सम्मान मिल सके।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि पंजाब अब अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा और राज्य की नदियों, संसाधनों और हकों की हर हाल में रक्षा की जाएगी।