
पंजाब में नशे के धंधे को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में अमृतसर रूरल पुलिस ने दो हवाला ऑपरेटरों – सुखजीत सिंह और रणबीर सिंह को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर नशे के कारोबार में अवैध फाइनेंसिंग करने का आरोप है।
कैसे हुआ खुलासा?
अमृतसर के घरिंडा थाना पुलिस ने हाल ही में 561 ग्राम हेरोइन बरामद की थी। इस मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि नशे के कारोबार के पीछे हवाला के जरिए पैसा ट्रांसफर किया जा रहा था। जब पुलिस ने इस मामले की गहराई से छानबीन की, तो हवाला ऑपरेटर सुखजीत सिंह और रणबीर सिंह का नाम सामने आया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
क्या-क्या बरामद हुआ?
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इन हवाला ऑपरेटरों के पास से बड़ी रकम बरामद की। बरामद सामान में शामिल हैं:
✅ ₹17,60,000/- (भारतीय मुद्रा)
✅ $4,000 (अमेरिकी डॉलर)
✅ एक लैपटॉप, जिसमें महत्वपूर्ण लेन-देन के रिकॉर्ड मिले हैं।
कैसे काम करता था नेटवर्क?
पुलिस जांच में पता चला है कि ये हवाला ऑपरेटर नशे के तस्करों के लिए गुप्त रूप से पैसा ट्रांसफर करने का काम करते थे। ये लोग नशे की खेप बेचने के बाद उसका पैसा अलग-अलग चैनलों के जरिए इधर-उधर भेजते थे, ताकि पुलिस को कोई सुराग न मिले। इस गुप्त फाइनेंसिंग सिस्टम के जरिए नशे की तस्करी के नेटवर्क को चलाया जाता था।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
पंजाब पुलिस ने साफ कर दिया है कि नशे के कारोबार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस न सिर्फ नशा तस्करों को गिरफ्तार कर रही है, बल्कि उनके वित्तीय नेटवर्क को भी तोड़ने का काम कर रही है।
पंजाब पुलिस ने एक बयान में कहा:
“नशे के धंधे को चलाने वालों, उनकी फाइनेंसिंग करने वालों और उन्हें संरक्षण देने वालों पर हमारी नजर है। जो कोई भी इस गंदे धंधे में शामिल होगा, उसे कड़ी सजा मिलेगी।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
अमृतसर में पुलिस की इस कार्रवाई की लोगों ने जमकर सराहना की। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नशे के कारण कई युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है, और पुलिस का यह एक्शन इस समस्या को खत्म करने में मदद करेगा।
पंजाब सरकार और पुलिस मिलकर नशे के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। अमृतसर में हवाला ऑपरेटरों की गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि अब न केवल नशा तस्करों पर, बल्कि उनके फाइनेंसरों और सहयोगियों पर भी कड़ा शिकंजा कसा जा रहा है।