
पंजाब पुलिस का लगातार चौथे दिन भी नशे के खिलाफ सख्त अभियान जारी
524 जगहों पर छापेमारी, 69 नशा तस्कर गिरफ्तार
1.5 किलो हेरोइन, 1.33 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर पुलिस का ऑपरेशन तेज
पंजाब को नशामुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में चल रहे ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ अभियान को आज लगातार चौथे दिन जारी रखते हुए पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान 164 मेडिकल दुकानों की जांच की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे किसी भी प्रकार की नशीली गोलियां या अन्य प्रतिबंधित पदार्थों की अवैध बिक्री में शामिल न हों। साथ ही, यह भी जांचा गया कि मेडिकल स्टोर दवाओं की बिक्री के नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
छह जिलों में मेडिकल स्टोर की सख्त जांच
पुलिस ने यह जांच अभियान पंजाब के छह जिलों—होशियारपुर, एसबीएस नगर, जालंधर ग्रामीण, कमिश्नरेट जालंधर, कपूरथला और रूपनगर में चलाया। इसके अलावा, पुलिस ने अपनी नशामुक्ति कार्रवाई के तहत आज पूरे राज्य में 524 स्थानों पर छापेमारी की। इस ऑपरेशन के दौरान 53 एफआईआर दर्ज की गईं और 69 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
चौथे दिन तक गिरफ्तार किए गए नशा तस्करों की कुल संख्या 472 हो गई है, जो पुलिस की इस सख्त कार्रवाई का प्रमाण है।
बड़ी मात्रा में ड्रग्स और कैश बरामद
छापेमारी के दौरान गिरफ्तार नशा तस्करों के पास से बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए गए, जिनमें शामिल हैं:
1.5 किलो हेरोइन
100 ग्राम अफीम
7610 नशीली गोलियां, कैप्सूल और इंजेक्शन
1.33 लाख रुपये की ड्रग मनी
इस अभियान को पूरे राज्य के 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया, जिसे पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के निर्देश पर अंजाम दिया गया।
नशे के खिलाफ सरकार का बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने साफ निर्देश दिए हैं कि आने वाले तीन महीनों में पंजाब को पूरी तरह नशामुक्त बनाना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने नशा विरोधी लड़ाई की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में पांच सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति का गठन भी किया है।
छापेमारी में 250 से अधिक पुलिस टीमें शामिल
स्पेशल डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) अरपित शुक्ला ने बताया कि इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए 101 एसपी/डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में 1900 से अधिक पुलिसकर्मियों की 250 से ज्यादा टीमें बनाई गई थीं।
पुलिस ने दिनभर चले इस अभियान के दौरान 627 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की, जिससे राज्य में नशा तस्करी पर बड़ा शिकंजा कसा गया।
पंजाब पुलिस की तीन-स्तरीय रणनीति
स्पेशल डीजीपी अरपित शुक्ला ने बताया कि पंजाब सरकार नशे को खत्म करने के लिए तीन-स्तरीय रणनीति—एन्फोर्समेंट, डी-एडिक्शन और प्रिवेंशन (EDP) को लागू कर रही है।
एन्फोर्समेंट (Enforcement): नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
डी-एडिक्शन (De-Addiction): नशा छोड़ने वालों को पुनर्वास सेवाएं देना
प्रिवेंशन (Prevention): नशे के प्रति लोगों को जागरूक करना
इसके तहत, पंजाब पुलिस ने आज तीन लोगों को नशा छोड़ने और पुनर्वास केंद्र में इलाज कराने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, पूरे राज्य में 161 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए ताकि लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जा सके।
नशामुक्त पंजाब की ओर बड़ा कदम
पंजाब पुलिस के इस मजबूत अभियान से साफ है कि राज्य सरकार नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में यह अभियान और तेज होगा ताकि पंजाब को पूरी तरह नशामुक्त बनाया जा सके। पुलिस की यह कार्रवाई राज्य के युवाओं को नशे से बचाने के लिए एक बड़ा कदम साबित हो रही है।