
पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को और तेज़ कर दिया है। राज्य को 31 मई तक पूरी तरह नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें स्पेशल डीजीपी, एडीजीपी, आईजीपी, डीआईजी और सभी ज़िलों के एसएसपी और कमिश्नर शामिल हुए।
इस बैठक में हर ज़िले के लिए रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे पहले से तैयार की गई कार्य योजनाओं के अनुसार तेज़ी से कार्रवाई करें और नशे के जाल को जड़ से खत्म करें।
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की वार रूम टीम हर ज़िले के लिए डेटा-आधारित, विशेष रणनीतियाँ बना रही है, ताकि ज़मीनी स्तर पर प्रभावशाली और टारगेटेड कार्रवाई की जा सके। इन रणनीतियों के ज़रिए पूरे राज्य में नशे के खिलाफ एक सुनियोजित और सख़्त मुहिम चलाई जा रही है।
पंजाब पुलिस 24 घंटे सातों दिन काम कर रही है। नशा तस्करों के खिलाफ लगातार छापेमारी हो रही है, सप्लाई चेन को तोड़ा जा रहा है, और भारी मात्रा में अवैध नशे की खेप बरामद की जा रही है। अब यह केवल सरकारी मुहिम नहीं, बल्कि जनता का आंदोलन बन चुका है। हर पुलिस अधिकारी मोर्चे पर डटा हुआ है, और हर नागरिक इस लड़ाई में एक भागीदार है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच के अनुसार, राज्य का भविष्य तभी सुरक्षित हो सकता है जब नशे की इस बुराई को पूरी तरह खत्म किया जाए। सरकार का मकसद साफ है — नशा तस्करी के पूरे नेटवर्क की कमर तोड़नी है और पंजाब के युवाओं को एक सुरक्षित, स्वच्छ और नशामुक्त भविष्य देना है।
इस मुहिम से पंजाब में उम्मीद की नई किरण जागी है। यदि पुलिस, प्रशासन और आम लोग एकजुट होकर काम करें, तो यह लक्ष्य ज़रूर हासिल किया जा सकता है।