
पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही पुलिस की सख्त मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए पंजाब पुलिस ने बुधवार को नशों के खिलाफ युद्ध अभियान के 88वें दिन प्रदेश भर के 126 रेलवे स्टेशनों पर एक साथ बड़ा तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव के निर्देश पर सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ की गई।
इस राज्यव्यापी ऑपरेशन की निगरानी स्पेशल DGP (कानून व्यवस्था) अरपित शुक्ला ने की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए सभी कमिश्नर और एसएसपी को निर्देश दिए गए थे कि वे एसपी रैंक के अधिकारियों की निगरानी में भारी पुलिस बल तैनात करें।
126 रेलवे स्टेशनों पर चेकिंग, 1332 लोगों की हुई जांच
पुलिस की टीमें बुधवार को पूरे पंजाब के 126 रेलवे स्टेशनों पर सक्रिय रहीं। इस दौरान लगभग 1332 यात्रियों और संदिग्ध लोगों की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान 9 संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है।
यह तलाशी अभियान रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों पर नशा तस्करी और अपराध को रोकने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
नशा विरोधी कार्रवाई भी जोरों पर
रेलवे स्टेशनों पर चेकिंग के अलावा, पुलिस ने नशा विरोधी अभियान के तहत प्रदेश भर में 530 स्थानों पर छापेमारी की। इन छापों के दौरान 90 एफआईआर दर्ज की गईं और 141 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
स्पेशल DGP अरपित शुक्ला ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से बड़ी मात्रा में नशा बरामद किया गया है। इसमें शामिल हैं:
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959 ग्राम हेरोइन
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2 किलो अफीम
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3.4 लाख रुपये की ड्रग मनी
यह पुलिस की लगातार मेहनत का नतीजा है कि हर दिन नशे के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हो रहे हैं और सैकड़ों संदिग्धों की जांच हो रही है।
दिनभर चला सघन तलाशी अभियान
इस विशेष अभियान के दौरान पुलिस ने कुल 592 संदिग्ध लोगों की भी तलाशी ली, जिनमें से कुछ से पूछताछ जारी है। यह आंकड़ा दिखाता है कि पंजाब पुलिस नशों को जड़ से खत्म करने के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है।
जनता से भी सहयोग की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी नशे की बिक्री या तस्करी की जानकारी मिलती है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। यह लड़ाई केवल कानून व्यवस्था की नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
नशों के खिलाफ युद्ध पंजाब सरकार और पुलिस की एक बड़ी पहल है। लगातार 88 दिनों से चल रहे इस अभियान में अब तक हज़ारों छापे, सैकड़ों गिरफ्तारियां और लाखों रुपये की नशा सामग्री पकड़ी जा चुकी है। यह दिखाता है कि सरकार नशा मुक्त पंजाब के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।
अगर इसी तरह पुलिस और समाज मिलकर काम करते रहें, तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब पूरी तरह से नशा मुक्त राज्य बन जाएगा।