
पंजाब में ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ मुहिम का असर लगातार दिख रहा है। इस मुहिम के 76वें दिन, शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 146 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन तस्करों के पास से भारी मात्रा में नशे का सामान बरामद किया, जिसमें 87 किलो हेरोइन, 1 किलो अफीम, 407 किलो भुक्की (पोस्त का चूरा) और 42,005 रुपये की ड्रग मनी शामिल है।
इस हालिया कार्रवाई के साथ अब तक चल रही इस मुहिम में गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या 11,430 हो गई है। यह एक बड़ा आंकड़ा है, जो यह दर्शाता है कि राज्य सरकार और पुलिस नशे के खिलाफ सख्ती से अभियान चला रही है। यह पूरा ऑपरेशन पंजाब के डीजीपी गौरव यादव के निर्देश पर राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया।
इस बारे में जानकारी साझा करते हुए विशेष डीजीपी (कानून और व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि इस अभियान में 92 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल थे। इन अधिकारियों ने 200 से अधिक पुलिस टीमों का नेतृत्व किया, जिन्होंने राज्य भर में 543 स्थानों पर छापेमारी की।
इन छापों के दौरान कुल 118 एफआईआर दर्ज की गईं और पुलिस ने 619 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी की। यह पूरा अभियान दिन भर चला और बेहद योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दिया गया। इसका उद्देश्य था राज्य में फैले नशे के नेटवर्क को तोड़ना और उन लोगों को सलाखों के पीछे भेजना जो समाज को नशे की दलदल में धकेल रहे हैं।
पुलिस का यह सख्त रुख और इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई यह साबित करती है कि पंजाब सरकार नशे के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरत रही। लगातार छापेमारी, एफआईआर और गिरफ्तारी से साफ है कि नशा तस्करों के लिए अब राज्य में कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है।
‘युद्ध नशों के खिलाफ’ मुहिम को जनता का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोग अब खुलकर पुलिस का सहयोग कर रहे हैं और नशे के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई न केवल अपराधियों को सजा दिलाने में मददगार है, बल्कि युवाओं को भी एक मजबूत संदेश देती है कि नशे का रास्ता बर्बादी की ओर जाता है।
कुल मिलाकर, पंजाब पुलिस की इस लगातार कार्रवाई से यह उम्मीद जगी है कि राज्य को जल्द ही नशा मुक्त बनाया जा सकता है।