
पंजाब के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने पंजाब में तीन नए थर्मल पावर यूनिट्स लगाने को मंजूरी दे दी है, जिनमें हर एक की क्षमता 800 मेगावाट होगी। यानी राज्य को कुल 2400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। यह फैसला आज उत्तर भारत के बिजली मंत्रियों की एक अहम बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की।
इस बैठक में पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने राज्य की तरफ से अपनी बात रखी और बिजली जरूरतों को विस्तार से समझाया।
कोयले की ढुलाई की सीमा बढ़ी
हरभजन सिंह ने बैठक में बताया कि पंजाब के पास अपनी कोयले की खान तो है, लेकिन केंद्र सरकार की 1000 किलोमीटर की कोयला ढुलाई सीमा के कारण राज्य अपने थर्मल प्लांट्स की क्षमता नहीं बढ़ा पा रहा। इस पर केंद्रीय मंत्री ने तुरंत निर्देश दिए कि कोयले की ढुलाई सीमा को 1500 किलोमीटर तक बढ़ा दिया जाए ताकि रोपड़ थर्मल प्लांट में दो नए 800-800 मेगावाट के यूनिट लगाए जा सकें। साथ ही एक और 800 मेगावाट का नया प्लांट भी लगाने की अनुमति दे दी गई।
सोलर प्रोजेक्ट को लेकर चुनौती
बैठक में सोलर पावर को लेकर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार ने पंजाब को 7000 मेगावाट सोलर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य दिया है, लेकिन पंजाब सरकार ने बताया कि राज्य में जमीन की कीमत ज्यादा होने के कारण प्रोजेक्ट लगाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए सरकार अब किसी पड़ोसी राज्य में जमीन लेकर वहां सोलर प्रोजेक्ट लगाने की योजना बना रही है, ताकि वहां से बिजली पंजाब को सप्लाई की जा सके।
धान की फसल को देखते हुए बिजली की मांग
हरभजन सिंह ने केंद्र से धान की बुवाई के सीजन को देखते हुए तुरंत 1000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग की। उन्होंने कहा कि पंजाब देश के अन्न भंडार को भरने में हमेशा अग्रणी रहा है, और किसान समय पर फसल की सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भर रहते हैं। वर्तमान में राज्य को केंद्र से केवल 275 मेगावाट बिजली मिल रही है, जो काफी नहीं है।
ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड का मुद्दा
बिजली मंत्री ने बी.बी.एम.बी. जालंधर में पहले से लगे 100 एमवीए के दो ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता बढ़ाकर 160 एमवीए करने की मांग भी रखी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट की सारी मंजूरियां मिल चुकी हैं और खर्च भी पंजाब सरकार वहन करेगी, फिर भी काम आगे नहीं बढ़ रहा। उन्होंने इस प्रक्रिया को तेज़ करने की अपील की।
आरडीएसएस योजना में फंड में कटौती
हरभजन सिंह ने केंद्र की आर.डी.एस.एस. योजना पर भी सवाल उठाए। योजना के तहत पंजाब को 3600 करोड़ रुपये के बिजली ढांचे सुधार प्रोजेक्ट के लिए केंद्र से 60% फंड मिलना था, लेकिन अब ये हिस्सा घटाकर 40% कर दिया गया है। इससे पंजाब को लगभग 300 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि इस योजना को नई दरों पर मंजूरी दी जाए।
साइबर सुरक्षा ऑडिट भी होगा
बिजली मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब में जल्द साइबर सुरक्षा ऑडिट भी करवाया जाएगा, ताकि बिजली विभाग को डिजिटल खतरों से सुरक्षित किया जा सके।पंजाब के लिए यह फैसला बिजली संकट को दूर करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय में नए पावर प्लांट्स और योजनाओं से राज्य की बिजली व्यवस्था और मजबूत होगी, जिससे खासकर किसानों और उद्योगों को फायदा मिलेगा।