
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पंजाब को उद्योग के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए 12 नई योजनाओं की शुरुआत की। यह पहलें राज्य में औद्योगिक विकास और समृद्धि का एक नया युग शुरू करने के उद्देश्य से लाई गई हैं।
मुख्य अतिथि अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि इन 12 पहल कदमी से पंजाब में उद्योग संचालन, नीति व्यवस्था, सरकार और उद्योगों के बीच संवाद, भूमि के मूल्य निर्धारण और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 75 साल में पहली बार लालफीताशाही और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सबसे साहसिक कदम उठाए हैं। अब उद्योगों को भाई-भतीजावाद या सिफारिश की ज़रूरत नहीं होगी, बल्कि पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था से काम होगा।
केजरीवाल ने बताया कि अब पंजाब निवेशकों के लिए एक आदर्श राज्य बनने जा रहा है। यह तेलंगाना, कर्नाटक (कांग्रेस शासित राज्य), गुजरात, महाराष्ट्र (भाजपा शासित राज्य) और तमिलनाडु जैसे औद्योगिक रूप से उन्नत राज्यों को भी पीछे छोड़ने की क्षमता रखता है।
एक बड़ी पहल के रूप में “फास्ट-ट्रैक पंजाब पोर्टल” शुरू किया गया है, जो एक सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा। इसके माध्यम से निवेशक सभी ज़रूरी अनुमतियाँ और सुविधाएं एक ही जगह से प्राप्त कर सकेंगे। केजरीवाल ने कहा कि भारत में पहली बार किसी राज्य ने निवेशकों के लिए इतना सरल और केंद्रीकृत सिस्टम लागू किया है। इसके लिए राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में ‘कारोबार का अधिकार’ कानून में संशोधन लेकर आएगी।
इसके अलावा, अब अग्निशमन विभाग (फायर एनओसी) की वैधता अवधि को जोखिम स्तर के आधार पर 1 साल से बढ़ाकर 3 से 5 साल कर दिया गया है। इससे उद्योगों को बार-बार कागजी कार्यवाही में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा।
12 पहलों में से चार पहलें ज़मीन की पारदर्शिता और निवेशकों के लिए भूमि मूल्य खोलने से संबंधित हैं। अब औद्योगिक ज़मीन की खरीद-फरोख्त और कीमतों का निर्धारण एक स्पष्ट और पारदर्शी नीति के तहत होगा।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 250 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बांटेगी। यह आंकड़ा पिछली सरकारों की तुलना में बहुत अधिक है — कांग्रेस सरकार ने 5 सालों में केवल 53 करोड़ रुपये बांटे थे, जबकि अकाली-भाजपा सरकार ने किसी प्रकार की प्रोत्साहन राशि जारी ही नहीं की थी।
इस नई नीति के ज़रिए पंजाब न केवल निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोज़गार के और बेहतर अवसर मिलेंगे। सरकार का यह प्रयास राज्य में आर्थिक क्रांति की दिशा में एक अहम मील का पत्थर साबित हो सकता है।