
पंजाब के ज़ीरकपुर में अब एक बेहद अनोखा और पर्यावरण हितैषी प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। ज़ीरकपुर बायपास परियोजना के तहत राज्य का पहला शहरी वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस खास प्रोजेक्ट की लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है और यह 3 किलोमीटर लंबा होगा। यह कॉरिडोर खासतौर पर जंगलों और वहाँ रहने वाले जानवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
क्या है शहरी वाइल्डलाइफ कॉरिडोर?
यह एक ऐसा रास्ता होता है जो जंगलों के बीच से होकर गुजरता है, लेकिन इस तरह से बनाया जाता है कि जंगली जानवरों की आवाजाही पर कोई असर न पड़े। इसमें एलिवेटेड रोड (उंची सड़क), अंडरपास और ओवरपास शामिल होते हैं, ताकि जानवर आराम से एक जगह से दूसरी जगह जा सकें। ज़ीरकपुर में यह कॉरिडोर घग्गर नदी के पास बनेगा, जहां तेंदुआ, सांभर और अन्य जंगली जानवर पाए जाते हैं।
क्यों जरूरी था यह प्रोजेक्ट?
पिछले कई सालों से ज़ीरकपुर और पंचकूला में ट्रैफिक की भारी समस्या रही है। इसको कम करने के लिए 19.2 किलोमीटर लंबा बायपास बनाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन यह योजना जंगल की ज़मीन से गुजरनी थी, जिस वजह से पर्यावरण और वन विभाग की मंज़ूरी जरूरी थी। जंगलात अधिनियम (FCA) के तहत प्रक्रिया पूरी करने के बाद तय किया गया कि सड़क को एलिवेटेड बनाया जाएगा, ताकि जानवरों की ज़िंदगी और उनकी गतिविधियों में कोई बाधा न आए।
कितना खर्च और क्या फायदे?
पूरे ज़ीरकपुर बायपास प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1,878 करोड़ रुपये है, जिसमें से 200 करोड़ रुपये सिर्फ एलिवेटेड रोड और वाइल्डलाइफ कॉरिडोर पर खर्च होंगे। यह सड़क छे-मार्गीय (six-lane) होगी और ज़ीरकपुर से पंचकूला जाने वालों को जाम से राहत देगी। इसके अलावा, जंगल में रहने वाले जानवरों को भी सुरक्षित रास्ता मिलेगा, जिससे वे चारे की तलाश, प्रजनन और आवास बदलने जैसी गतिविधियाँ आराम से कर सकेंगे।
कब होगा पूरा?
यह प्रोजेक्ट पिछले दो सालों से अटका हुआ था, लेकिन अब जब सभी मंजूरियां मिल चुकी हैं, तो उम्मीद है कि जल्द ही इसका काम शुरू होगा और आने वाले कुछ वर्षों में यह पूरा भी हो जाएगा।
क्यों है यह प्रोजेक्ट खास?
यह पंजाब का पहला ऐसा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर होगा जो शहर के पास बनेगा।
जानवरों की सुरक्षा और प्राकृतिक आवास को बचाने का एक अनोखा उदाहरण बनेगा।
पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा।
इंसानों और जानवरों के बीच टकराव को रोकेगा।
अधिकारियों का कहना है कि एक बार जब यह एलिवेटेड रोड बनकर तैयार हो जाएगा, तो इसके आसपास के जंगलों में और ज्यादा हरियाली और सुरक्षा उपाय किए जाएंगे, जिससे यह इलाका और ज्यादा सुरक्षित और पर्यावरण के लिए हितैषी बन सके।
यह प्रोजेक्ट न सिर्फ विकास बल्कि पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी की भी मिसाल बनेगा।