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पंजाब में CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के एक फैसले के बाद पंजाबी भाषा को लेकर सियासत गर्मा गई है। इस फैसले के तहत 10वीं कक्षा के नए परीक्षा पैटर्न से पंजाबी विषय को हटा दिया गया है, जिससे कई राजनीतिक दल और पंजाबी संस्कृति से जुड़े लोग नाराज हैं।
गायक गुरु रंधावा ने क्या कहा?
पंजाबी भाषा के समर्थन में मशहूर गायक और अभिनेता गुरु रंधावा ने भी अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने कहा कि हर छात्र के लिए पंजाबी भाषा अनिवार्य होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी बोर्ड में पढ़ता हो।
गुरु रंधावा ने अपनी मातृभाषा पर गर्व जताते हुए लिखा:
🗣️ “पंजाबी हमारी पहचान और हमारी जड़ें हैं। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी संस्कृति और अस्तित्व पंजाबी से ही जुड़ा है। मेरा पूरा करियर पंजाबी गीतों और मेरी भाषा की वजह से बना है।”
उन्होंने खुद को “गर्वित गांववाला, गर्वित पंजाबी और गर्वित भारतीय” बताते हुए कहा कि हर किसी की जिम्मेदारी है कि वह पंजाबी भाषा को आगे बढ़ाए।
CBSE के फैसले पर क्यों मचा बवाल?
CBSE ने 10वीं कक्षा के लिए नए परीक्षा पैटर्न की घोषणा की, जिसमें पंजाबी विषय को अनिवार्य भाषा की सूची से हटा दिया गया। इसके बाद इस मुद्दे पर पंजाब में सियासी तूफान खड़ा हो गया।
🟢 आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह पंजाबी भाषा को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
🟢 पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने भी CBSE पर सीधा निशाना साधा।
🟢 उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और CBSE जानबूझकर पंजाबी भाषा को शिक्षा व्यवस्था से हटाना चाहते हैं।
🟢 उन्होंने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखने का फैसला किया है और जरूरत पड़ी तो दिल्ली जाकर इस पर चर्चा भी करेंगे।
अकाली दल और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
🟠 शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी CBSE के इस फैसले की निंदा की।
🟠 उन्होंने कहा कि अकाली दल इसका पूरी तरह विरोध करेगा और मांग करेगा कि CBSE स्कूलों में पंजाबी विषय को फिर से अनिवार्य किया जाए।
🟠 उनका मानना है कि पंजाबी भाषा को शिक्षा से हटाना पंजाब की सांस्कृतिक विरासत पर हमला है।
आगे क्या होगा?
📌 पंजाब सरकार इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से बात करने की योजना बना रही है।
📌 राजनीतिक दलों और पंजाबी कलाकारों की नाराजगी बढ़ रही है।
📌 CBSE को इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दबाव डाला जा सकता है।
पंजाबी भाषा का सम्मान जरूरी
👉 पंजाब में पंजाबी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि पहचान और संस्कृति का प्रतीक है।
👉 CBSE के इस फैसले से लोग नाराज हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
👉 गुरु रंधावा जैसे कलाकारों और कई नेताओं ने इस फैसले की आलोचना की है।
अब देखने वाली बात होगी कि CBSE इस पर कोई बदलाव करता है या नहीं। फिलहाल, पंजाब में यह मुद्दा लगातार तूल पकड़ रहा है।