26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में इस बार पंजाब की एक झांकी भी नजर आएगी। यह झांकी पंजाब की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत को दर्शाने के लिए तैयार की गई है। झांकी को पंजाब के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद को समर्पित किया गया है। इस झांकी को लगभग 21 दिनों की मेहनत से तैयार किया गया है और परेड की रिहर्सल में इसे देखकर हर कोई प्रभावित हो रहा है।
झांकी तैयार करने वाली टीम ने इसे चार हिस्सों में विभाजित किया है, जिसमें पंजाब की खेती से लेकर लोक संगीत, फुलकारी और साहित्य तक सब कुछ समेटा गया है।
झांकी के चार हिस्से
1. पंजाब की खेती और आत्मनिर्भरता का प्रतीक
झांकी के पहले हिस्से में पंजाब को कृषि प्रधान राज्य के रूप में दिखाया गया है। इसमें हल चलाते हुए बैलों की जोड़ी को प्रदर्शित किया गया है। यह इस बात का प्रतीक है कि पंजाब ने देश को अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
2. लोक संगीत का प्रदर्शन
दूसरे हिस्से में पंजाब के विश्व प्रसिद्ध लोक संगीत को दिखाया गया है। झांकी में पारंपरिक परिधानों में कलाकारों को पुराने वाद्य यंत्रों के साथ दर्शाया गया है, जो पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर की झलक पेश करते हैं।
3. फुलकारी और पारंपरिक विरासत
तीसरे हिस्से में पंजाब की पारंपरिक कला ‘फुलकारी’ को दर्शाया गया है। इसमें एक पंजाबी लड़की को अपने घर के बाहर फुलकारी कढ़ाई करते हुए दिखाया गया है। यह दृश्य पंजाब की प्राचीन विरासत और शिल्पकला को खूबसूरती से उजागर करता है।
4. बाबा शेख फरीद को समर्पित हिस्सा
झांकी का चौथा और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बाबा शेख फरीद को समर्पित है, जिन्हें पंजाब का पहला पंजाबी कवि माना जाता है। उनकी बदौलत पंजाब का साहित्य नई ऊंचाइयों तक पहुंचा है। इस हिस्से में ट्रैक्टर पर घरेलू महिलाओं द्वारा बनाए गए मैट और फुलकारी की झलक भी दी गई है।
झांकी की प्रशंसा
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने झांकी को देखकर इसकी तारीफ की और सोशल मीडिया पर इससे संबंधित तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, “मेरा दिल पंजाब के लिए धड़कता है। यह झांकी दिल को छू लेने वाली है। मैं इसकी तस्वीरें लेने से खुद को रोक नहीं पाया।”
टीम का उत्साह
झांकी को तैयार करने वाली टीम बेहद उत्साहित है। झांकी को लेकर दिल्ली पहुंचे डॉ. आहलूवालिया ने कहा कि यह झांकी पंजाब की सांस्कृतिक विरासत और गौरव को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का शानदार माध्यम है।
पंजाब की यह झांकी गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की संस्कृति, कला और साहित्य को एक विशेष पहचान दिलाएगी।