
पंजाब में पानी की कमी और इसके दुरुपयोग को लेकर लोग और सरकार दोनों ही गंभीर होते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब के कीरतपुर साहिब स्थित लोहंड खड्ड पर चल रहे धरने को उस समय बड़ी ताकत मिली, जब राज्य के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस अपने साथी मंत्री लाल चंद कटारूचक्क के साथ वहां पहुंचे और लोगों के साथ मिलकर धरने में हिस्सा लिया।
धरने का उद्देश्य साफ है – पंजाब के कीमती जल स्रोतों की रक्षा करना। मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब की जनता 24 घंटे पानी की निगरानी कर रही है ताकि कोई राज्य या संस्था इसे जबरन न ले सके। उन्होंने आरोप लगाया कि जब हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जैसे हालात बने थे, उस समय बी.बी.एम.बी. (ਭਾਖੜਾ ਬੀਅਸ ਮੈਨੇਜਮੈਂਟ ਬੋਰਡ) के चेयरमैन ने हालात का फायदा उठाकर पंजाब का पानी दूसरे राज्यों को देने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री खुद कर चुके हैं दौरा
मंत्री बैंस ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद चार बार नंगल डैम का दौरा कर चुके हैं। इससे साफ है कि सरकार पंजाब के हक की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने विरोधियों पर भी निशाना साधा और कहा कि जो लोग सरकार की इस पहल को “राजनीतिक स्टंट” बता रहे हैं, उन्हें खुद सोचना चाहिए कि उन्होंने पंजाब के पानी के लिए अब तक क्या किया है?
लाल चंद कटारूचक्क का आरोप
कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कहा कि बीजेपी सरकारें बी.बी.एम.बी. का इस्तेमाल पंजाब के खिलाफ कर रही हैं। वह गैर-संवैधानिक तरीकों से पंजाब का पानी बाहर भेजना चाहती हैं, जबकि पंजाब में खुद पानी की भारी कमी है।
धरने में अन्य मंत्री भी हुए शामिल
इस आंदोलन में राज्य सरकार के कई और मंत्री भी शामिल हुए जिनमें कुलदीप सिंह धालीवाल, बरिंदर कुमार गोयल, लालजीत सिंह भुल्लर और हरभजन सिंह ई.टी.ओ. शामिल हैं। इन नेताओं ने नंगल डैम पर चल रहे धरने में हिस्सा लेकर एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा कि पंजाब ने हमेशा मानवता के आधार पर हरियाणा को पानी दिया है, लेकिन अब जब पंजाब को खुद जरूरत है, तो वह दूसरों को पानी नहीं दे सकता।
बी.बी.एम.बी. में पंजाब का बड़ा हिस्सा, फिर भी अनदेखी
मंत्रियों ने कहा कि बी.बी.एम.बी. में पंजाब की 60% हिस्सेदारी है, लेकिन इसके अफसर पंजाब से तनख्वाह लेकर भी पंजाब के खिलाफ फैसले ले रहे हैं। इससे राज्य के अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने साफ कहा कि पंजाब के पास अब अतिरिक्त पानी नहीं है और यह राज्य की “जिंदगी और आत्मा” है।
धरने में अन्य प्रमुख लोग भी हुए शामिल
इस धरने में विधायक इंदरबीर सिंह निज्जर, गुरदीप सिंह रंधावा, पनसप चेयरमैन बलवीर सिंह पन्नू, जल बोर्ड चेयरमैन रंजीत सिंह चीमा और गुरु रविदास आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. संजीव गौतम भी मौजूद रहे।
यह धरना सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि पंजाब के हक की लड़ाई है। सरकार और जनता दोनों यह जताने में लगे हैं कि पंजाब का पानी पंजाब का है, और उसे बिना इजाज़त कोई नहीं ले सकता।