
पंजाब में धान के सीज़न को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने फसलों की खरीद प्रक्रिया को व्यवस्थित और समय पर पूरा करने के उद्देश्य से चार मंत्रियों की एक विशेष समिति गठित की है। इस समिति की पहली बैठक आज चंडीगढ़ में आयोजित की गई।
बैठक के बाद कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि पंजाब में जो फसलें बोई जाती हैं, उनका बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार को भेजा जाता है। ऐसे में अक्सर कई तरह की दिक्कतें भी आती रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है कि आने वाली फसल की बुवाई, खरीद और बिक्री की पूरी व्यवस्था समय पर और व्यवस्थित ढंग से की जा सके।
क्या कहा मंत्रियों ने?
मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि पंजाब में मुख्य रूप से गेहूं और धान की खेती होती है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इस साल 31 जुलाई तक धान की मिलिंग का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा, और कोशिश रहेगी कि अगले वर्ष यह कार्य जून माह में ही पूरा कर लिया जाए। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रमाणित बीज ही बोएं ताकि उत्पादन बेहतर हो और सरकारी मंडियों में उनकी फसल का एक-एक दाना खरीदा जा सके।
किसानों के खाते में 24 घंटे में भुगतान
सरकार ने यह भी कहा है कि किसानों के खातों में 24 घंटे के भीतर फसल की कीमत ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को इसी तरह जारी रखा जाएगा। मंत्री ने कहा कि सभी तैयारियां पहले से की जा चुकी हैं और किसानों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
भंडारण की योजना भी तैयार
फसलों के भंडारण को लेकर एक और बड़ी योजना की जानकारी दी गई। मंत्री ने बताया कि 46 लाख मीट्रिक टन अनाज स्टोर करने के लिए गोदाम बनाने का प्रस्ताव तैयार कर हाई लेवल कमेटी को भेजा जा चुका है। सरकार की अपील है कि इस पर जल्दी से जल्दी कार्य शुरू किया जाए ताकि आने वाले समय में पंजाब में फसल रखने की जगह की समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
इस पूरी योजना से साफ है कि पंजाब सरकार किसानों की परेशानियों को कम करने और फसलों की समयबद्ध खरीद व भुगतान को लेकर गंभीर है। समिति के गठन और समय से बैठकें कर निर्णय लेने की प्रक्रिया यह दर्शाती है कि आने वाले सीजन में किसानों को बेहतर सुविधाएं मिलने की पूरी उम्मीद है।