
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका ने 30 दिन का युद्धविराम (सीजफायर) प्रस्ताव रखा है, लेकिन इस पर रूस की प्रतिक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करते हुए कहा कि वह युद्धविराम को लेकर चालाकी कर रहे हैं और इसमें मुश्किलें पैदा कर रहे हैं।
पुतिन पर जेलेंस्की का बड़ा आरोप
जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन असल में युद्धविराम नहीं चाहते, लेकिन वे इसे सीधे तौर पर नहीं कह सकते। खासतौर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से यह बात छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुतिन युद्ध रोकने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन वह दुनिया के सामने अलग दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि रूस सीजफायर को लेकर लगातार नई शर्तें जोड़ रहा है, ताकि यह लागू न हो सके। जबकि यूक्रेन ने कोई शर्त नहीं रखी है और अमेरिका के इस प्रस्ताव का पूरा समर्थन किया है।
रूस ने क्यों जताई आपत्ति?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीजफायर प्रस्ताव को लेकर कुछ चिंताएं जाहिर की हैं। उन्होंने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि रूस युद्धविराम के लिए तैयार है, लेकिन यह समझौता स्थायी शांति लाने वाला होना चाहिए।
पुतिन का कहना है कि इस युद्धविराम के तहत सिर्फ 30 दिनों तक लड़ाई रोकना काफी नहीं होगा, बल्कि इसके पीछे के सभी कारणों को भी खत्म किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि रूस को किस तरह की शांति की जरूरत है और किन शर्तों पर वे सहमत होंगे।
यूक्रेन ने दिया जवाब
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस की इस प्रतिक्रिया को ‘अस्पष्ट और चालाकी भरी’ बताया। उन्होंने अपने रात के संबोधन में कहा,
“हमने रूस की प्रतिक्रिया सुन ली। यह वही है जो हमने पहले भी देखा था – कोई ठोस जवाब नहीं, सिर्फ बहाने और नई शर्तें। हमने सीजफायर के लिए कोई मुश्किल शर्त नहीं रखी थी, लेकिन रूस इसे लागू नहीं करना चाहता।”
जेलेंस्की का कहना है कि युद्ध रोकने की सबसे बड़ी रुकावट खुद रूस ही है, क्योंकि वह बार-बार शांति समझौते को लेकर नई शर्तें पेश करता है।
यूक्रेन ने अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव का किया समर्थन
यूक्रेन ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 30 दिन के युद्धविराम का पूरा समर्थन किया है। जेलेंस्की का कहना है कि अगर रूस वास्तव में शांति चाहता है, तो उसे बिना शर्त युद्धविराम लागू करना चाहिए।
यूक्रेन का दावा है कि रूस केवल दिखावे के लिए सीजफायर पर चर्चा कर रहा है, लेकिन असल में वह इस युद्ध को जारी रखना चाहता है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने पहले भी कई बार बातचीत के बहाने समय लिया, लेकिन फिर से युद्ध छेड़ दिया।
क्या यह युद्धविराम लागू होगा?
फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि यह 30 दिन का युद्धविराम लागू होगा या नहीं। रूस की ओर से जो शर्तें रखी जा रही हैं, उनसे साफ है कि वह इस प्रस्ताव को आसानी से स्वीकार नहीं करेगा।
अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर दबाव बना रहे हैं, ताकि वह शांति वार्ता के लिए तैयार हो, लेकिन रूस की ओर से अस्पष्ट जवाब मिलने के कारण स्थिति अभी भी उलझी हुई है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि रूस अपने रुख में बदलाव करता है या नहीं, या फिर यह युद्ध और लंबा खिंचता है।