कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान की शुरुआत नागपुर से की। उन्होंने नागपुर में संविधान बचाओ सम्मेलन का आयोजन कर संविधान की रक्षा के मुद्दे पर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा। इस अवसर पर राहुल गांधी ने संविधान की लाल किताब को लहराते हुए बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इसे केवल एक किताब नहीं, बल्कि देश के नागरिकों के जीवन जीने का तरीका बताया।
राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे संविधान पर ‘‘हमला’’ कर रहे हैं और इसके जरिए वे देश की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करना केवल कागजी बात नहीं बल्कि एक नैतिक कर्तव्य है जो लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। नागपुर के दीक्षाभूमि पर जाकर राहुल गांधी ने बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी, जहां आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था। राहुल ने अपनी इस यात्रा के जरिए संविधान बचाने और दलित, आदिवासी एवं पिछड़े वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे को उठाया।
बीजेपी का ‘कोरी किताब’ पर हमला
राहुल गांधी के इस सम्मेलन के बाद बीजेपी ने एक बड़ा आरोप लगाया। बीजेपी ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि राहुल गांधी संविधान की जो लाल किताब लेकर आए थे, वह अंदर से बिल्कुल कोरी थी, यानी उसमें कुछ भी नहीं लिखा था। बीजेपी ने इसे संविधान और आंबेडकर का अपमान बताया। बीजेपी ने कहा कि जो व्यक्ति संविधान बचाने की बात करता है, वह संविधान की कोरी किताब लेकर घूम रहा है। साथ ही, बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के पक्ष में है।
बीजेपी ने इस ‘कोरी किताब’ को राहुल गांधी का दिखावा बताते हुए कहा कि यह कांग्रेस की असली मंशा को दर्शाता है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी केवल संविधान और आंबेडकर के नाम पर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके जरिए बीजेपी ने अपने समर्थकों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस संविधान का आदर करने के बजाय केवल उसे अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रही है।
राहुल गांधी का ‘संविधान खतरे में है’ का नैरेटिव
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में अपने अभियान की शुरुआत उसी नैरेटिव से की है जो उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनाया था। ‘संविधान खतरे में है’ का नारा देकर राहुल गांधी ने संविधान को बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संविधान के मूल्यों और दलितों के अधिकारों को खतरे में डाल रही है। राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे संविधान के मूल्यों को समाप्त करने की साजिश रच रहे हैं।
राहुल गांधी का कहना है कि बीजेपी और आरएसएस भारत के संविधान में संशोधन करना चाहते हैं ताकि अपने एजेंडे को बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के लोग दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को समाज में बराबरी का दर्जा नहीं देना चाहते। उन्होंने अपने भाषण में जनता से अपील की कि वे संविधान की रक्षा के लिए एकजुट हों और ऐसे लोगों के खिलाफ खड़े हों जो उनके अधिकारों को छीनना चाहते हैं।
बाबा साहेब आंबेडकर के प्रति सम्मान
नागपुर यात्रा में राहुल गांधी ने सबसे पहले दीक्षाभूमि जाकर आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। यह स्थान भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर का है, जिन्होंने यहां बौद्ध धर्म अपनाया था। राहुल ने यहां पर कहा कि आंबेडकर का संविधान केवल एक किताब नहीं बल्कि एक ऐसी प्रणाली है जो सभी को समान अधिकार देता है। उन्होंने आंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में न केवल भारतीय समाज में, बल्कि उनके विचारों को जीवन जीने का तरीका बताया।
राहुल गांधी के इस बयान को इंडी अलायंस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि आंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान देश को एकता और समरसता का संदेश देता है, और कांग्रेस इस संविधान की रक्षा के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। राहुल गांधी का यह कदम महाराष्ट्र के दलित वोट बैंक को कांग्रेस की ओर आकर्षित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
राहुल गांधी के नागपुर में संविधान बचाओ सम्मेलन और बीजेपी द्वारा संविधान की कोरी किताब के आरोप ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। एक ओर जहां राहुल गांधी संविधान की रक्षा और दलितों के अधिकारों की सुरक्षा की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीजेपी उनके इस कार्य को दिखावा बताकर उन्हें संविधान का अपमान करने का दोषी ठहरा रही है। यह मुद्दा महाराष्ट्र चुनावों में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है, क्योंकि दोनों पार्टियां इसे अपने-अपने तरीके से जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं।