
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री खुद मान चुके हैं कि पाकिस्तान में आतंकवादी कैंपों पर हमला करने से पहले उन्हें पाकिस्तान को सूचित किया गया था। राहुल ने इसे कूटनीति नहीं बल्कि जासूसी बताया है। उनका कहना है कि यह देश के लिए चिंता का विषय है और जनता को इस मामले की पूरी सच्चाई जाननी चाहिए।
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि खबर आई थी कि कुछ जासूसों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन फिर धीरे-धीरे इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले को छुपाने की कोशिश कर रही है ताकि जनता तक सच न पहुंचे।
राहुल गांधी ने विदेश मंत्री से सीधे सवाल किया, “पाकिस्तान को जानकारी देने के कारण हमने कितने भारतीय जहाज खोए हैं?” उन्होंने इसे एक गंभीर अपराध बताया और कहा कि सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि आखिर वह देश की सुरक्षा से समझौता क्यों कर रही है। राहुल ने कहा कि इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए और देशवासियों को सच बताया जाना जरूरी है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने माना था कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। इस बयान ने विपक्ष में हलचल मचा दी और कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने इस पर सवाल उठाए। राहुल गांधी ने इस बयान को लेकर कई सवाल किए और केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला किया।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी के आरोपों को गलत बताया। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि राहुल गांधी गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं और सरकार पूरी तरह से देश की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दी गई जानकारी पूरी तरह से देश की सुरक्षा और कूटनीति के अनुसार थी।
इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में गहमागहमी पैदा कर दी है। विपक्षी दल केंद्र सरकार से इस मामले में स्पष्ट जवाब मांग रहे हैं और सरकार पर देश की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं सरकार ने इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से इंकार किया है और कहा है कि वे देश की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।
राजनीतिक माहौल में इस मामले पर आगे क्या होगा, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा। फिलहाल जनता इस बहस को ध्यान से देख रही है और सभी की नजरें इस विवाद पर टिकी हुई हैं।