
ओडिशा के कटक जिले में शनिवार सुबह एक बड़ा रेल हादसा हुआ, जब बेंगलुरु-कामाख्या सुपरफास्ट एक्सप्रेस (15551) के 11 एसी डिब्बे पटरी से उतर गए। यह दुर्घटना चौद्वार इलाके के मंगुली पैसेंजर हॉल्ट के पास हुई, जिससे ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
दुर्घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने तुरंत बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया।
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एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और मेडिकल टीमें मौके पर भेजी गईं।
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फायर ब्रिगेड कर्मचारी भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।
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रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने और उनकी मदद करने की हरसंभव कोशिश की।
प्रभावित ट्रेनें और रूट डायवर्ट
हादसे के कारण रेलवे ने कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया है। नीलांचल एक्सप्रेस, धौली एक्सप्रेस और पुरुलिया एक्सप्रेस का रूट डायवर्ट कर दिया गया है ताकि इन ट्रेनों को प्रभावित हुए ट्रैक से न गुजरना पड़े।
क्या बोले रेलवे के अधिकारी?
ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECOR) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) अशोक कुमार मिश्रा ने कहा,
“हमें सूचना मिली कि कामाख्या एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। अब तक 11 एसी कोच के पटरी से उतरने की पुष्टि हुई है। अच्छी खबर यह है कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। सभी यात्री सुरक्षित हैं। राहत ट्रेन और आपातकालीन चिकित्सा उपकरण तुरंत मौके पर भेजे गए हैं।”
रेलवे अधिकारी कर रहे हैं जांच
रेलवे के सीनियर अधिकारी, डीआरएम खुर्दा रोड, जीएम/ईस्ट कोस्ट रेलवे और अन्य उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह हादसा तकनीकी खराबी थी, ट्रैक में कोई दिक्कत थी या किसी और वजह से यह हुआ। फिलहाल प्राथमिकता रेलवे ट्रैक की मरम्मत करना और ट्रेनों की आवाजाही बहाल करना है।
सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाए जा रहे यात्री
रेलवे प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की है कि ट्रेन में फंसे यात्रियों को जल्द से जल्द उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए। उन्हें वैकल्पिक ट्रेनों और बसों की मदद से यात्रा पूरी करने में सहायता दी जा रही है।
ओडिशा के कटक में हुए इस रेल हादसे ने यात्रियों को डरा जरूर दिया, लेकिन राहत की बात यह है कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई। रेलवे की त्वरित कार्रवाई और बचाव कार्य के चलते सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। अब रेलवे की पूरी टीम इस घटना की जांच में जुटी है और जल्द ही ट्रैक को फिर से सुचारू करने का काम किया जा रहा है।