
पिछले कई हफ़्तों से पंजाब के ज़्यादातर इलाके 45 डिग्री से. तक पहुँचती तापमान की लू झेल रहे थे, लेकिन आज तड़के नज़ारा पूरी तरह बदल गया। सूरज निकलने से पहले ही आसमान काले बादलों से घिर गया और देखते-देखते कई ज़िलों में तेज़ बारिश शुरू हो गई। तेज़ बौछारों और ठंडी हवा ने पारा गिरा दिया, जिससे लोगों ने कुछ सुकून की साँस ली और सड़कों पर भीषण गर्मी के बजाय हल्की ठंडक महसूस हुई।
मौसम विभाग ने 4 जून तक यलो अलर्ट जारी किया
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि 4 जून तक राज्य में गरज-चमक के साथ बारिश, 30–40 किमी/घंटा की तेज़ हवाएँ और कहीं-कहीं ओले पड़ने की संभावना बनी रहेगी। इसी कारण पंजाब के 20 ज़िलों—जैसे लुधियाना, पटियाला, गुरदासपुर, बठिंडा, अमृतसर, फज़िल्का और जालंधर—के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। यलो अलर्ट का मतलब है कि मौसम अचानक खराब हो सकता है, इसलिए किसान, यात्री और आम लोग सावधानी बरतें।
पंजाब में इस बार जल्दी पहुँच सकता है मॉनसून
सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून पंजाब में जून के आख़िरी हफ़्ते या जुलाई के पहले हफ़्ते में दस्तक देता है, लेकिन इस बार स्थिति बदली हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक मॉनसून की चाल सामान्य से तक़रीबन एक हफ़्ता आगे चल रही है और 25 जून से पहले ही पंजाब पहुँच सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो यह न सिर्फ़ गर्मी से राहत देगा बल्कि धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बेहद फायदे का सौदा होगा, क्योंकि खेतों में समय पर पानी पहुँच पाएगा और भू-जल पर निर्भरता घटेगी।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी बना सहायक
बारिश की मौजूदा लहर में एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) अहम भूमिका निभा रहा है। यह प्रणाली अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते पंजाब तक पहुँचती है और बादलों के साथ नमी भी लेकर आती है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के प्रभाव से अगले कुछ दिनों तक गरज-चमक और तेज़ हवाओं का सिलसिला जारी रह सकता है। इसी वजह से स्कूली बच्चों और सुबह-शाम सैर करने वालों को सलाह दी गई है कि मौसम साफ़ लगने पर भी छाता या रेनकोट साथ रखें।
किसानों को मिल सकता है बड़ा फ़ायदा
धान (पैडी) की रोपाई के लिए खेतों में नमी बेहद ज़रूरी होती है। आमतौर पर किसान नहरों और ट्यूबवेल से सिंचाई करते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया खर्चीली है और भू-जल स्तर पर दबाव बढ़ाती है। अगर मॉनसून 25 जून तक सक्रिय हो गया, तो शुरुआती बारिश से खेतों में पर्याप्त पानी इकट्ठा हो जाएगा, जिससे बीज जमा करने से लेकर पौध रोपने तक के सारे काम समय पर पूरे हो पाएँगे। इससे न सिर्फ़ उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है, बल्कि बिजली और डीज़ल की बचत भी होगी।
लोगों से सतर्क रहने की अपील
प्रशासन ने सभी ज़िलों को निर्देश दिए हैं कि तड़के और देर रात तेज़ हवा चलने की स्थिति में पुराने पेड़ों या जर्जर इमारतों के नीचे खड़े होने से बचें। साथ ही बिजली कड़कने पर खुले मैदान में मोबाइल इस्तेमाल न करें और मवेशियों को सुरक्षित जगह बाँधें।
अब आगे क्या?
यदि मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक रही तो आने वाले चार-पाँच दिन पंजाब के अधिकतर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। तापमान भी औसतन 6–8 डिग्री तक नीचे रहने का अनुमान है। यानी, मॉनसून पूरी तरह सक्रिय होने से पहले राज्य को झुलसा देने वाली गर्मी से एक छोटा-सा लेकिन बहुप्रतीक्षित ब्रेक मिल ही गया है—और यह राहत किसानों से लेकर आम लोगों तक हर किसी के चेहरे पर मुस्कान ले आई है।