भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। बुधवार को अपने संन्यास की घोषणा के बाद गुरुवार को जब वह चेन्नई लौटे, तो चेन्नई एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ। अश्विन अपने परिवार के साथ काली वॉल्वो कार में एयरपोर्ट से अपने घर रवाना हुए। इस दौरान उनकी पत्नी और बेटी भी उनके साथ मौजूद थीं। चेन्नई के इस खिलाड़ी के प्रशंसकों ने उन्हें विदाई देते हुए उत्साह और सम्मान के साथ उनके लंबे और सफल करियर का जश्न मनाया।
संन्यास पर अश्विन ने दी प्रतिक्रिया
अश्विन ने संन्यास के फैसले को “बहुत राहत और संतुष्टि की भावना” वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उनके लिए भावनात्मक था लेकिन उनके करियर के इस चरण में यह सही समय था। बुधवार को संन्यास की घोषणा के वक्त वह भारत के कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। इस दौरान अश्विन भावुक हो गए, और साथी खिलाड़ी विराट कोहली ने उन्हें गले लगाकर सम्मान प्रकट किया।
अश्विन ने कहा, “यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनकर मैंने जो कुछ हासिल किया, वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मैं अपने प्रशंसकों, टीम और परिवार का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस सफर को यादगार बनाया।”
शानदार करियर के आँकड़े
रविचंद्रन अश्विन ने अपने 13 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में असाधारण प्रदर्शन किया। उन्होंने 106 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 537 विकेट हासिल किए और 3,503 रन बनाए। टेस्ट मैचों में 37 बार पांच विकेट लेने का कारनामा कर वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में शामिल हुए।
अश्विन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सातवें सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं और भारत के लिए अनिल कुंबले (619 विकेट) के बाद दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। टेस्ट मैचों में पांच विकेट लेने के मामले में वह मुथैया मुरलीधरन (67) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
सीमित ओवरों के प्रारूप में भी अश्विन ने शानदार योगदान दिया। उन्होंने 181 अंतरराष्ट्रीय सीमित ओवरों के मैच खेले, जिसमें 228 विकेट लिए। वनडे में उन्होंने 116 मैचों में 156 विकेट लिए और 707 रन बनाए। टी20 क्रिकेट में अश्विन ने 65 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 72 विकेट हासिल किए।
भारतीय क्रिकेट में योगदान
रविचंद्रन अश्विन न केवल एक कुशल गेंदबाज थे बल्कि एक स्मार्ट क्रिकेटर भी थे, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 2014 से 2019 के बीच, जब भारत टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर था, अश्विन ने टीम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी ऑफ स्पिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी के दम पर भारत ने कई यादगार जीत दर्ज कीं।
अश्विन भारत की 2011 विश्व कप विजेता टीम और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी टीम का भी हिस्सा थे। अपने करियर में उन्होंने 765 अंतरराष्ट्रीय विकेट झटके, जो अनिल कुंबले (953) के बाद भारत के किसी भी गेंदबाज द्वारा दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है।
एक युग का अंत
रविचंद्रन अश्विन के संन्यास से भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत हो गया। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। अश्विन का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास के महान खिलाड़ियों में शामिल हो गया है। उनका खेल, अनुशासन, और खेल के प्रति उनकी समझ उन्हें क्रिकेट जगत में हमेशा एक विशेष स्थान दिलाएगी।
अश्विन ने अपनी मेहनत और कौशल से जो मुकाम हासिल किया, वह हर युवा क्रिकेटर के लिए एक प्रेरणा है। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा, और वह अपने प्रशंसकों के दिलों में अमिट छाप छोड़कर जा रहे हैं।