विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने जारी की रिपोर्ट
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अक्टूबर 2024 में 27 टन सोना खरीदकर दुनिया के केंद्रीय बैंकों में शीर्ष स्थान पर रहा। डब्ल्यूजीसी ने यह आंकड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मासिक रिपोर्ट के आधार पर जारी किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस खरीद के साथ भारत का कुल स्वर्ण भंडार 882 टन हो गया है।
जनवरी-अक्टूबर में 77 टन सोने की खरीद
आरबीआई ने इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच कुल 77 टन सोना खरीदा। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में पांच गुना अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई द्वारा खरीदे गए कुल 882 टन स्वर्ण भंडार में से 510 टन भारत में सुरक्षित रखा गया है।
डब्ल्यूजीसी के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा अक्टूबर 2024 में कुल 60 टन सोने की खरीद की गई। इसमें से लगभग आधी खरीद आरबीआई ने की। इस बढ़ोतरी से भारत के सोने के भंडार में मजबूती आई है।
उभरते बाजारों का दबदबा
डब्ल्यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों ने इस वर्ष सोने की खरीद में प्रमुख भूमिका निभाई है। तुर्की और पोलैंड ने भी इस दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया। जनवरी-अक्टूबर 2024 के दौरान तुर्की ने 72 टन और पोलैंड ने 69 टन सोना खरीदा।
इन तीन देशों (भारत, तुर्की और पोलैंड) ने इस वर्ष की कुल वैश्विक शुद्ध सोना खरीद का 60 प्रतिशत हिस्सा खरीदा। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि यह आंकड़ा इन देशों की सोने के प्रति बढ़ती निर्भरता और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की रणनीति को दर्शाता है।
क्यों बढ़ रही है सोने की मांग?
सोने की खरीद में आई इस तेजी के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
1. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: डॉलर और अन्य मुद्राओं की अस्थिरता के चलते सोने को सुरक्षित निवेश माना जा रहा है।
2. महंगाई का प्रभाव: महंगाई से बचाव के लिए सोना एक प्रमुख विकल्प है।
3. भंडार की विविधता: केंद्रीय बैंक अपने भंडार को विविधता देने और विदेशी मुद्रा पर निर्भरता कम करने के लिए सोने में निवेश कर रहे हैं।
भारत का सोने के प्रति झुकाव
भारत लंबे समय से सोने का प्रमुख खरीदार रहा है। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट बताती है कि आरबीआई ने इस साल सोने की खरीद में आक्रामक रुख अपनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
वैश्विक परिदृश्य
वैश्विक स्तर पर, केंद्रीय बैंकों ने 2024 में अब तक भारी मात्रा में सोना खरीदा है। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक की कुल खरीद का 60 प्रतिशत भारत, तुर्की और पोलैंड के केंद्रीय बैंकों ने किया है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी महीनों में भी केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद जारी रह सकती है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और महंगाई के बीच सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में प्राथमिकता दी जा रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अक्टूबर 2024 में 27 टन सोने की खरीद और जनवरी से अक्टूबर तक कुल 77 टन की खरीदारी ने इसे शीर्ष स्थान पर ला दिया है। यह न केवल भारत की आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर सोने की बढ़ती मांग की ओर भी इशारा करता है।